लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में शुक्रवार को बच्चों को ले जारी निजी गाड़ी यूपी 32 एमयू 6554 हादसे का शिकार हो गई। यह गाड़ी जितेंद्र कुमार के नाम रजिस्टर है। जबकि, गाड़ी शिवम दास गौतम चला रहा था। आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि जिस निजी कार का स्कूली बच्चों को ढोने में यूज किया जा रहा था। उसका रजिस्ट्रेशन धारा-53 के तहत सस्पेंड किया जाएगा। इसके अलावा, वाहन स्वामी से कमर्शियल टैक्स के साथ परमिट, प्रदूषण और फिटनेस का जुर्माना भी वसूला जाएगा।
निजी वाहन ढोह रहे बच्चे
राजधानी में कई निजी वाहन स्कूली बच्चों को ढोने का काम कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सीएम के सख्त निर्देश के बाद बीते माह 8 से 22 जुलाई तक स्कूली वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया गया था। इस हादसे ने इस अभियान की गंभीरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रश्न उठ रहा है कि क्या उस दौरान ऐसे निजी वाहनों को नहीं देखा गया। जबकि, यह निजी वाहन विभाग को राजस्व का चूना भी लगाने का काम कर रहे है। क्योंकि अगर ऐसी निजी गाडिय़ां भी रजिस्टर होती तो विभाग को भी आमदनी होती।
गाड़ी की जांच की जाएगी
निजी कार का व्यवसायिक इस्तेमाल होने के सवाल पर संदीप कुमार पंकज, आरटीओ-प्रवर्तन, लखनऊ ने बताया कि गाड़ी की जांच की जाएगी कि इस पर कितना टैक्स बनता है। पूरा टैक्स वसूला जाएगा। प्राइवेट वाहन से व्यावसायिक कार्य किया परमिट की शर्तों का उल्लंघन है। वाहन का फिटनेस टेस्ट भी कराया जाएगा। पिछले साल वाहन का प्रदूषण भी खत्म हो चुका है। उसका जुर्माना भी वसूला जाएगा और धारा 53 के तहत इस वाहन का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड किया जाएगा। स्कूलों में लगे ऐसे प्राइवेट वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
नहीं होता नियमों का पालन
स्कूली वाहनों के लिए परिवहन निगम द्वारा कई सख्त नियम है। इसके बावजूद वाहन स्वामी इनका पालन नहीं करते हैं। जिसमें खासतौर पर फिटनेस और रजिस्ट्रेशन एक्सपायर होने के बावजूद जल्द रिन्यूअल नहीं कराते हैं। विभाग भी केवल नोटिस भेजकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है।
पैरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
आरटीओ प्रवर्तन ने बताया कि स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग के दौरान स्कूल प्रशासन द्वारा पैरेंट्स को समझाया जाता है कि वह बच्चों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सुरक्षित वाहनों का ही यूज करें। इसके लिए स्कूल बस और वैन कर सकते हैं। किसी निजी कार का वैन से बच्चों को स्कूल न भेजें। पैरेंट्स यह भी ध्यान रखें कि उनके बच्चे जिस स्कूली वाहन से आ-जा रहे हंै उसका फिटनेस और रजिस्ट्रेशन हो।
इन नियमों का होना चाहिए पालन
- वाहन का रजिस्ट्रेशन
- फिटनेस सर्टिफिकेट
- गाड़ी का रंग पीला होना चाहिए
- स्कूल का नाम
- ड्राइवर का नाम व नंबर
- लाइसेंस
- स्पीडो मीटर
- खिड़की पर रेलिंग
- प्रदूषण सर्टिफिकेट
- सीसीटीवी
निजी गाड़ी का कमर्शियल यूज नियमों का उल्लंघन है। जिसकी जांच करते हुए जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही नियमानुसार रजिस्टे्रशन भी सस्पेंड किया जाएगा।
संदीप कुमार पंकज, आरटीओ, प्रवर्तन-लखनऊ