लखनऊ (ब्यूरो)। बुधवार सुबह आलमबाग की आनंदनगर मोड़ पर तेज रफ्तार वैन की चपेट में आए दो ई-रिक्शा और उनमें सवार दर्जनों बच्चों के घायल होने की खबर जैसे ही पैरेंट्स तक पहुंची, उनके घरों में कोहराम मच गया। पैरेंट्स जिस स्थिति में थे, वैसे ही रेलवे इंडोर अस्पताल की तरफ भागे। अपने जिगर के टुकड़े संग कोई अनहोनी होने का डर उन्हें खाए जा रहा था। अस्पताल पहुंचकर पैरेंट्स बदहवास अपने बच्चों को तलाशते नजर आए और जैसे ही उनकी नजर मासूमों पर पड़ी, वे उनसे लिपट गए। इस दौरान बच्चों और उनके पैरेंट्स की आंखें भी छलक आईं।

रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया

बुधवार सुबह आनंदनगर मोड़ के पास एक वैन ने दो ई-रिक्शा को पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें 15 से अधिक बच्चे घायल हो गये, जो सीएमएस और एलपीएस के स्टूडेंट्स थे। घायलों में अधिकतर बच्चे रेलवे कर्मचारियों के ही थे। जैसे ही बच्चों के घायल होने की सूचना आई, रेलवे इंडोर अस्पताल में तत्काल सभी डॉक्टर्स को अलर्ट कर दिया गया। वहीं, रेलवे के एनआरएमयू के मंडल मंत्री आरके पांडेय ने रेलवे स्टाफ पुष्पेंद्र त्रिवेदी, अनुराग शर्मा और सुनील गुप्ता को तत्काल बच्चों की मदद के लिए रेलवे अस्पताल भेजा।

एक बच्चे का पैर टूट गया

अस्पताल में रेलवे व आरपीएफ के अधिकारी भी पहुंच गये, जो घटना की जानकारी हासिल कर रहे थे। वहीं, जिन बच्चों को हल्की व मामूली चोटें आई थीं, उनको प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया। करीब 4 बच्चों की हालत ज्यादा खराब थी, जिनको पैरेंट्स दूसरे अस्पताल ले गये। वहीं, चार बच्चों का अस्पताल में इलाज चला, जिनकी हालत सामान्य थी। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, सभी बच्चों को तत्काल इलाज और जांच सुविधा उपलब्ध कराई गई। हादसे में सीएमएस के स्टूडेंट हरिओम का पैर टूट गया, जिसके बाद परिजन उसे चरक अस्पताल लेकर चले गये।

बच्चों के चेहरों पर दिखा खौफ

इस हादसे का खौफ अस्पताल में भर्ती बच्चों के चेहरों पर साफ नजर आ रहा था। घायलों में कई छोटे-छोटे बच्चे भी थे, जो डर के कारण रोने लगे और अपने पैरेंट्स को ढूंढ रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने पैरेंट्स नजर आये, वे चिल्ला उठे और पैरेंट्स ने भी तुरंत उनको गले लगाया लिया। डॉक्टर्स की टीम भी घायल बच्चों के इलाज में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई थी। डॉक्टर्स के मुताबिक, सभी को तत्काल चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई।

पैरेंट्स को हुई चिंता

बच्चे सुबह तैयार होकर स्कूल गये थे। 10 मिनट बाद ही सूचना मिली कि एक्सीडेंट हो गया है, हम तुरंत अस्पताल पहुंचे। ई-रिक्शा से बच्चे कई सालों से जा रहे हैं। अस्पताल में बच्चों का इलाज सही तरीके से किया गया।

-सुमन पाल

सुबह फोन आया कि ई-रिक्शा हादसे में बच्चों को चोट लगी है। हम भागते हुए अस्पताल पहुंचे। अल्लाह का शुक्र रहा कि बच्चे पूरी तरह सही-सलामत थे। कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। बच्चा काफी डरा हुआ है।

-हुमा परवीन

बच्चे काफी समय से ई-रिक्शा से जा रहे हैं। ड्राइवर की कभी कोई शिकायत नहीं मिली और वह गाड़ी भी अच्छे से चलाता है। इस हादसे ने हमें अंदर से हिला दिया है। बच्चे की चिंता तो लगी ही रहती है। अस्पताल में भी इलाज दिया गया।

-रेणुका

सहमे नजर आए बच्चे

ड्राइवर अंकल गाड़ी चला रहे थे। अचानक पीछे से जोर की टक्कर लगी और ई-रिक्शा पलट गया, जिसकी वजह से सभी को चोट आई है। मुझे भी चोट लगी है। दर्द हो रहा है।

-नैंसी

पीछे से टक्कर हुई और हम सब गिर गए। मुझे काफी चोट आई है और दर्द भी हो रहा है। साथ के अन्य बच्चों को भी चोट आई है।

-निशांत