लखनऊ (ब्यूरो)। शासन-प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद केजीएमयू ट्रामा सेंटर से गंभीर मरीजों को लौटाया जा रहा है। गोरखपुर से रेफर होकर गंभीर हालत में केजीएमयू ट्रॉमा आये मरीज को ऑक्सीजन न होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया गया। परिजन दो घंटे तक मिन्नतें करते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में ट्रामा प्रभारी को फोन कर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का नाम लेने के बाद उसे भर्ती किया गया।
'ऑक्सीजन नहीं है' कहकर लौटाया
गोरखपुर के करणगटी गांव के रहने वाले 30 वर्षीय गोविंद चौबे करीब 8 दिन पहले बाइक से गिरने के चलते गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सीटी स्कैन से सिर में गंभीर चोट होने की पुष्टि हुई। हालत में कोई सुधार न होने पर उनको केजीएमयू ट्रामा रेफर कर दिया गया। परिजन ऑक्सीजन सपोर्ट पर एंबुलेंस से लेकर उन्हें केजीएमयू ट्रामा पहुंचे। परिजनों के मुताबिक, मरीज को भर्ती करवाने के लिए वे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर गए। जहां मौजूद स्टाफ ने निजी अस्पताल से रेफर होकर आने वाले मरीजों को भर्ती न करने और गोरखपुर के किसी सरकारी अस्पताल से रेफरल बनवाकर लाने को कहा। मरीज की पत्नी नीतू ने बताया कि भर्ती के लिए वे लोग ट्रॉमा के अंदर इमरजेंसी में गए। मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर लाने की जानकारी दी तो स्टाफ ने कहा कि यहां ऑक्सीजन सिलेंडर खाली नहीं हैं। मरीज को कहीं और ले जाओ।
डिप्टी सीएम का दिया हवाला
निराश परिजन करीब 2 घंटे तक मरीज को भर्ती कराने के लिए परेशान होते रहे। उधर एंबुलेंस की ऑक्सीजन भी खत्म हो रही थी। एक रिश्तेदार के माध्यम से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के कार्यालय से संपर्क हुआ। जहां से ट्रॉमा प्रभारी डॉ। प्रेमराज का नंबर परिजनों को उपलब्ध कराकर मदद मांगने को कहा गया। परिजनों के कॉल करते ही ट्रॉमा प्रभारी दौड़ कर बाहर आए और मरीज को भर्ती कराने में मदद की। तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली।
मरीजों का लोड अधिक है, पर गंभीर मरीजों को लौटाया नहीं जाता है। परिजन से बात हो गई है। मरीज को भर्ती कर लिया गया है।
-डॉ। प्रेमराज, प्रभारी, केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर