लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी में बहुत कम लोग ऐसे होते हैैं जिनका मन शांत रहता है और वे ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेते। लगभग हर किसी की जिंदगी में कोई न कोई समस्या रहती है। बहुत ज्यादा टीवी या मोबाइल की स्क्रीन देखने से भी मन अशांत रहता है। ऐसे में मानसिक तनाव बढ़ जाता है। ऐसे स्ट्रेस को कम करने के लिए और मूड को रिफ्रेश करने में योग करना बहुत मददगार साबित होता है।

योग करने से शरीर में बनते हैैं हैप्पी हार्मोन्स

कई साइंटिफिक रिसर्च में माना गया है कि योग करने से मन शांत होता है और शरीर में हैप्पी हार्मोन्स बनते हैैं। हैप्पी हार्मोन्स चार तरह के होते हैैं-डोपामाइन, सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन। इन्हें फील गुड हार्मोन्स भी कहा जाता है। इनके बनने से एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके साथ ही इन हार्मोन्स के बढ़ने से सकारात्मक ख्याल ज्यादा आते हैैं।

कौन से आसन करने से मन होता है शांत

एक योग एक्सपर्ट मनीश तेवतिया का कहना है कि योग करने से सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी फायदा मिलता है। उनका मानना है कि विभिन्न आसन शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर असर करते हैैं। उन्होंने कुछ ऐसे आसन बताए जिनसे दिमाग शांत रहता है और मन में सकारात्मक ख्याल आते हैैं।

भुजंगासन

भुजंगासन करने से सिर्फ शारीरिक आराम नहीं मिलता बल्कि मानसिक आराम भी मिलता है। इस आसन को करने से दिमाग शांत हो जाता है, एंग्जाइटी और स्ट्रेस भी कम होता है। इससे शरीर में पॉजिटिव एनर्जी बनती है।

शीर्षासन

इस आसन को करने से शरीर से खून सिर में चला जाता है जिसके कारण इंसान का दिमाग तेज चलता है। साथ ही ये आसन स्ट्रेस हार्मोन्स को बनने से रोकता है। स्ट्रेस हार्मोन्स कम होने से नकारात्मक ख्याल कम आते हैैं।

धनुरासन

धनुरासन करने से शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ता है और आलस कम होता है। ये आसन डिप्रेशन और एंग्जाइटी को कम करने में मदद करता है जिससे दिमाग में सकारात्मक ख्याल आते हैैं।

सर्वांगासन

ये एक ऐसा आसन है जिसे करने से दिमाग में डोपामाइन बनता है। ये एक हैप्पी हार्मोन है जिसकी वजह से स्ट्रेस और एंग्जाइटी तो कम होती ही है साथ ही अच्छी नींद भी आती है।

अनुलोम विलोम

ये एक प्राणायाम का तरीका है जिसमें पहले सांस लेते समय नाक के एक छेद को बंद करना होता है फिर सांस छोड़ते समय दूसरे छेद को बंद करना होता है। इस योग से मन शांत हो जाता है और स्ट्रेस भी कम होता है। ये दिमाग का कांसंट्रेशन लेवल बढ़ाने में भी मदद करता है।