लखनऊ (ब्यूरो)। कैंपवेल रोड निवासी बुजुर्ग दंपति प्रेमकांत (77) और पुष्पा (70) पिछले कई दिनों से परेशान थे। दरअसल, उनका हाउस टैक्स 851 रुपये के आसपास आता था, जो इस बार 5301 रुपये पहुंच गया। उन्होंने नगर निगम के चक्कर भी काटे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। शुक्रवार को निगम मुख्यालय में आयोजित जीआईएस समाधान दिवस में वे फिर आए। उनके हाथों में टैक्स की रसीद थी और आंखों में आंसू। उन्होंने वहां मौजूद जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव से अपनी समस्या शेयर की। कागजों की जांच पड़ताल के बाद यह निर्णय हुआ कि पहले तो मौके पर जांच कराई जाएगी फिर जांच रिपोर्ट के आधार पर हाउस टैक्स की नए सिरे से गणना की जाएगी। इतना आश्वासन मिलते ही दंपति की चेहरे पर मुस्कान लौट आई और वे टीम को आशीर्वाद देते हुए लौट गए। राजाजीपुरम निवासी विनय का भी हाउस टैक्स 600 रुपये से 11 हजार से ज्यादा हो गया। उन्हें भी जांच का आश्वासन दिया गया।
इन्हें भी तुरंत मिली राहत
जोन छह निवासी बुजुर्ग राधे नारायण की दो समस्याएं थीं। पहली समस्या तो हाउस टैक्स की रसीद में नाम का सही अंकित न होना और दूसरी जर्जर फ्लोर को जोड़कर हाउस टैक्स भेजा जाना। इनके द्वारा पेश किए गए कागजों की जांच पड़ताल हुई। इसके बाद निर्णय हुआ कि अब जर्जर फ्लोर का टैक्स हटा दिया जाएगा। मौके पर ही टैक्स की रसीद में नाम भी सही करा दिया गया।
दो गुना से अधिक आया टैक्स
आलमनगर निवासी विजय कुमार गुप्ता भी खासे परेशान दिखे। उनका कहना था कि पहले 3800 रुपये हाउस टैक्स आता था, लेकिन इस बार 8700 रुपये आया है। मौके पर ही उनकी भी समस्या का समाधान किया गया।
समाधान दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भवन स्वामियों की हाउस टैक्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। समाधान दिवस आयोजित होने से भवन स्वामियों को काफी राहत मिलती है।
इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त