लखनऊ (ब्यूरो)। एमटेक के टापर चिन्मय शुक्ला के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा। डा शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में जब उन्हें कुलाध्यक्ष गोल्ड मेडल और मुख्यमंत्री पदक देने के लिए मंच पर बुलाया गया तो सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। वहीं एमएससी सांख्यिकी की टापर आकांक्षा मिश्रा, बीटेक के टापर शिवांश कुमार चौबे सहित अन्य मेधावी मंच पर मेडल लेने पहुंचे तो उनका भी स्वागत तालियों से किया गया। मेडल के मामले में गल्र्स ने ब्वॉयज को काफी पीछे छोड़ दिया। गल्र्स के हिस्से में जहां 101 मेडल आए, वहीं ब्वॉयज के खाते में सिर्फ 58 मेडल रहे।

स्वागत गीत से शुरुआत
समारोह की शुरुआत एमए थर्ड सेमेस्टर के छात्र अमन कुमार ने स्वागत गीत से की। इसके बाद कुलगीत गया गया। वीसी प्रो। संजय ङ्क्षसह ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। 1615 विद्यार्थियों की डिग्री डिजिलाकर में अपलोड की गई। 130 मेधावियों को कुलाध्यक्ष, सीएम और वीसी मेडल दिए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 14 दिव्यांग विद्यार्थियों को पदक देते हुए उनके माता-पिता को भी बधाई दी।

एक तड़प लेकर चलता हूं
मुख्य अतिथि प्रथम पैरा-ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता पद्मश्री मुरलीकांत राजाराम पेटकर (चंदू चैंपियन) ने विद्यार्थियों में जोश भरते हुए कहा कि 84 वर्ष की उम्र में अपने सीने पर पदक लगाकर एक तड़प लेकर चलता हूं कि युवा इससे प्रेरित हो और ओङ्क्षलपिक में पदक लाने के लिए जोर लगाएं। उन्होंने पेरेंट्स से कहा कि 14 वर्ष के बाद बच्चे जो चाहते हैं, उसे वैसा करने दें।

दिव्यांग किसी से कम नहीं
पिछड़ा कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांग स्टूडेंट किसी से कम नहीं है। समारोह में राज्यपाल ने 10 आंगनबाड़ी केंद्र को किट, 30 ²ष्टिबाधित बालिकाओं को वस्त्र, फल, मिष्ठान वितरित किया। संचालन डा कौशिकी ने किया।

इन्हें मिला सीएम मेडल
एमए इतिहास में तेजल कनौजिया, प्रियांशी, कविता, वाणिज्य संकाय में शिवानी अग्रवाल, निष्ठा दीप्ति, वैभव साहू, विशेष शिक्षा संकाय में प्रेमांशी साहू, गुरुवारी, सुआद अजीत, कंप्यूटर साइंस में साक्षी कटियार, सृष्टि चौरसियां, फजर अयाज अंसारी, विज्ञान में आकांक्षा मिश्रा, प्रिया, राहुल गुप्ता, विधि संकाय में श्वेता तिवारी, अन्वेषा चतुर्वेदी, रचित श्रीवास्तव को क्रमश: गोल्ड, सिलवर और ब्रांज मेडल मिला।

पहली बार बधिर को मेडल और उपाधि
पहली बार किसी डेफ- बधिर स्टूडेंट शुभम ङ्क्षसह को एमएड एचआई में वीसी गोल्ड मेडल मिला। वहीं, डेफ शोधार्थी शिवजी पांडा को श्रवण बाधिता विभाग में पीएचडी की उपाधि दी गई।