लखनऊ (ब्यूरो)। दुर्गा पूजा के बाद के बाद शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी यानि मां लक्ष्मी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह दिन बंगाली समाज के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन सभी दुर्गा पूजा समितियों द्वारा मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापना के साथ विशेष पूजन करने के बाद भोग लगाया जाता है, जिसे पूजा के बाद भक्तों में वितरित किया जाता है। इस पूजा के साथ विभिन्न पंडालों की ओर से भंडारा का भी आयोजन किया गया।

मां लक्ष्मी को लगाया भोग

राजधानी में बंगाली क्लब, मॉडल हाउस, ट्रांसगोमती दशहरा एंड दुर्गा पूजा कमेटी अलीगंज, गोमती नगर सार्वजनिक पूजा समिति, बंगाली क्लब, रवींद्रपल्ली, जानकीपुरम, लाटूश रोड, रेलवे कॉलोनी आदि समितियों द्वारा कोजागरी पूजन किया गया। इस दौरान खिचोरि, चचूड़ी, लाबरा, चोटनी, पायस का वितरण किया गया। मां लक्ष्मी मां को नारियल के लडडू, खील, लावा, चूरा और गुड़ के लड्डू का भोग लगाया गया। रात में खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी गई, जिसे अगले दिन प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।

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शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा को लगाया खीर का भोग

महंत देव्यागिरी महाराज की अगुवाई में डालीगंज के गोमती तट के उपवन घाट पर आश्विन मास की पूर्णिमा पर बुधवार को गोमती माता की आरती की गई। साथ ही शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में चंद्रमा को खीर का भोग लगाया गया। बाद में खीर का ही प्रसाद बांटा गया। इसके अलावा महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया।

दीपों से सजाया गया घाट

श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर के तत्वावधान में होने वाली हर महीने पूर्णिमा आरती के क्रम में पूर्णिमा पर आरती हुई। महंत देव्यागिरी की अगुवाई मेें उपवन घाट पर बनी 11 वेेदियों से आरती की गई। मंदिर की प्रमुख सेवादार उपमा पांडेय के नेतृत्व में सेवादार मुकेश गुप्ता, दुर्वासा, शिखा, आरती और बासु सहित अन्य भक्तों ने घाट की सफाई की। इसके अलावा फूलों व दीयों की रंगोली बनाई गई। आरती से पहले कथा वाचिका कल्याणकारी गिरी ने श्री भागवत महापुराण के पहले अध्याय की कथा सुनाई।