लखनऊ (ब्यूरो)। नगरीय क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों व अधिष्ठानों लगी लिफ्ट और एस्केलेटर में दुर्घटना के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। लिफ्ट में फंसे लोगों के लिए ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस लगाई जाएगी। इसके साथ ही किसी परिसर में लिफ्ट व एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। दरअसल, लिफ्ट और एस्केलेटर नियमावली-2024 को मंजूरी दे दी गई है। इसके पहले लिफ्ट और एस्केलेटर के विनिर्माण, निर्माण, गुणवत्ता, सुविधाएं, संचालन और अनुरक्षण आदि के लेकर 26 फरवरी 2024 को विधानमंडल द्वारा उप्र लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 पारित किया गया था।
ऑनलाइन आवेदन करना होगा
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बिना पंजीकरण के अब किसी भी परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाये जा सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लिफ्ट या एस्केलेटर का अधिष्ठापन एवं कमीशनिंग पूर्ण होने के पश्चात निर्धारित शुल्क जमा करते हुए निदेशक विद्युत सुरक्षा के पास ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऐसे रजिस्ट्रेशन की अवधि लिफ्ट या एस्केलेटर विनिर्माता द्वारा सुनिश्चित किये गये अवधि तक विधिमान्य होगी। यदि भवन में अधिष्ठापित लिफ्ट या एस्केलेटर में कोई परिवर्तन किया जाना हो, तो इसके लिए नया रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से कराना होगा। प्रदेश में किसी भी परिसर में पूर्व से स्थापित लिफ्ट या एस्केलेटर का भी छह माह के अंदर अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। लिफ्ट व एस्केलेटर के वार्षिक मेंटीनेंस के लिए अभिकरण के लिए शामिल सभी एजेंसियों को भी निदेशक, विद्युत सुरक्षा विकास ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
संचालक नियुक्त किया जाएगा
सार्वजनिक परिसर में लिफ्ट या एस्केलेटर को संचालित करने के लिए मालिक द्वारा संचालक नियुक्त किया जाना अनिवार्य होगा साथ ही वार्षिक मेंटीनेंस संविदा के लिए पर्याप्त संख्या में सक्षम और प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ लगाया जाना अनिवार्य होगा। नगर विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते नगरीकरण, औद्योगिक विकास, बहुमंजिला इमारतों के बनने से सार्वजनिक परिसरों के साथ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, भवनों आदि में लिफ्ट व एस्केलेटर के उपयोग की बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसका उपयोग बहुतायत में लोग करने लगे हैं।