लखनऊ (ब्यूरो)। सर्वे के विरोध में महिला और बाल शक्ति द्वारा की जा रही तपस्या आखिरकार रंग लाई। सीएम योगी की ओर से मकान न तोड़े जाने संबंधी आदेश दिए जाते ही प्रभावित परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई। हर कोई उत्साह में नजर आ रहा था। जिन रोड्स पर अभी तक सन्नाटा पसरा रहता था, वहां मंगलवार को चिलचिलाती धूप होने के बाद भी लोगों की भीड़ नजर आ रही थी। हर कोई सीएम को थैैंक्स कह रहा था साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर सपनों का आशियाना बचने की खुशी साझा कर रहा था।

हर किसी की आंख में खुशी के आंसू

पंतनगर, रहीमनगर, इंदप्रस्थनगर में रहने वाले लोगों की आंखों में आंसू साफ देखे जा सकते थे। पहले तो किसी को उम्मीद ही नहीं थी कि उनका घर बचेगा लेकिन सीएम की ओर से मकान न तोड़े जाने संबंधित आदेश दिए जाते ही हर किसी ने चैन की सांस ली। करीब एक महीने के बाद ऊहापोह की स्थिति समाप्त होने से हर कोई यही कहता नजर आया कि अब कम से कम हम रोड पर तो नहीं आएंगे।

घर-घर जाकर बांटी मिठाई

लोग इस कदर खुश थे कि घर-घर जाकर मिठाई बांट रहे थे। एक-दूसरे को गुलाब की माला पहनाकर स्वागत कर रहे थे और गले लगकर बधाई दे रहे थे। कोई अपने घर को निहार रहा था तो कोई गली को। लोगों का कहना था घरों से हजारों यादें जुड़ी हुई हैैं। अगर मकान टूट जाता तो जीवन भर यह जख्म नहीं भरता। हमारे पास तो दूसरा घर भी नहीं था, ऐसे में रोड पर आने के सिवा कोई भी दूसरा विकल्प नहीं था। हमें राहत देने के लिए सरकार को बधाई।

लगाई थी मार्मिक गुहार

पंतनगर में रहने वाली मासूम अनम की खुशी अलग ही देखते बन रही थी। उसके साथ पिता आसिफ और मां शगुफ्ता भी थीं। आसिफ ने बताया कि बच्ची ने खुद सीएम से मार्मिक गुहार लगाते हुए मकान न तोड़े जाने की अपील की थी। इलाके के अन्य बच्चों ने भी कुछ यही कदम उठाया था। जब आदेश आया तो उसके बाद बच्चों को गुलाब के फूलों की माला पहनाकर उनका सम्मान किया गया।

किसी ने रोजा रखा तो किसी ने व्रत

सोमवार रात से ही यह चर्चा होने लगी थी कि सीएम की ओर से मकानों को लेकर चल रही कार्रवाई को लेकर कोई बड़ा कदम उठाया जाना है। पहले यह आदेश रात में आना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद लोगों को पूरी उम्मीद थी कि मंगलवार को इस दिशा में कोई बड़ा आदेश आएगा। आदेश उनके पक्ष में आए, इसके किसी ने व्रत रखा तो किसी ने रोजा। आदेश आते ही पूरा माहौल बदल गया।

अब चैन की नींद आएगी

आदेश आने के बाद जगह-जगह लोगों के ग्रुप बैठे हुए नजर आए। उनमें यही चर्चा हो रही थी कि करीब महीने भर बाद अब चैन की नींद आएगी तो कोई कह रहा था कि आज पेट भरके खाना खाएंगे। लोगों का यह भी कहना था कि अब बच्चों के भविष्य को लेकर जो डर था, वो अब दूर हो गया है। पहले तो यही डर था कि अगर मकान नहीं रहेगा तो बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी, उनके सिर पर छत तक नहीं रहेगी।

आतिशबाजी भी की गई

दोपहर से ही सभी प्रभावित एरियाज का माहौल बदला बदला सा था। पहले जहां लोग लाल निशान देखकर डर जाते थे, वहीं अब इन निशानों को देखकर उनके चेहरे पर मुस्कुराहट देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि अब जिन लोगों ने लाल निशान लगाए हैैं, उनके खिलाफ भी ठोस एक्शन लिया जाना चाहिए साथ ही इन निशानों को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।

बोले लोग

इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है कि हमारे मकान नहीं टूटेंगे। हमारे मन में जो डर बना हुआ था, वो अब दूर हो गया है। हमारे सिर से छत नहीं जाएगी।

अनीता मिश्रा

आखिरकार हमारी सुन ली गई। मकान टूटने के डर से न तो नींद आ रही थी न ही खाना गले से नीचे उतर रहा था। अब कहीं जाकर राहत मिली है। यह हम सबकी जीत है।

अतुल

जिस दिन से एरिया में सर्वे शुरू हुआ था, हम सभी के अंदर बेचैनी बढ़ गई थी। हर दिन यही लगता था कि अब मकान चला जाएगा लेकिन अब आदेश आने के बाद हमें राहत मिली है।

मो। अखलाक

हम सालों से यहां रह रहे हैैं। हम पहले ही कह रहे थे कि हमारे मकान वैध हैं लेकिन कोई सुन नहीं रहा था। अब सीएम ने हमारे हित में फैसला लिया है।

नीलम

जिन घरों में लाल निशान लगे हुए हैैं, अब उन्हें भी जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए। आदेश आने के बाद खासी राहत मिली है। मन में जो डर व्याप्त था, आज जाकर खत्म हुआ है।

सुधा वर्मा

मैैंने तो आज रोजा रखा था। यही दुआ कर रही थी कि फैसला हमारे हित में आए। हमारी मेहनत रंग लाई और अब साफ हो गया है कि मकान नहीं टूटेंगे। हमारे सिर पर छत कायम रहेगी।

अनारकली

आज का दिन हमेशा याद रहेगा। अब मकान टूटने का डर दूर हो गया है। जब से सर्वे शुरू हुआ है, तब से हर एक परिवार खौफ में था। आदेश आने से बहुत बड़ी राहत मिली है। हम सबकी मेहनत रंग लाई।

शिल्पी सिंह