लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर से राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता का स्तर गिरने लगा है, जिसकी वजह से स्थिति चिंताजनक हो गई है। शुक्रवार को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए, उनसे साफ है कि गोमतीनगर और लालबाग की हवा ज्यादा प्रदूषित है। वहीं, कुकरैल की हवा सबसे बेहतर रही। यहां का एक्यूआई अभी 100 के आसपास है।

200 के पार हुआ एक्यूआई

वैसे तो गोमतीनगर एरिया का एक्यूआई हमेशा 150 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के नीचे रहता है, लेकिन शुक्रवार को यहां का एक्यूआई 213 दर्ज किया गया। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में यहां का एक्यूआई भी तालकटोरा की तरह 250 के पार जा सकता है। वहीं, हर बार की तरह इस बार भी लालबाग का एक्यूआई खतरे की घंटी बजा रहा है। शुक्रवार को इस इलाके का एक्यूआई 243 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब है। यहां के एक्यूआई लेवल में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है।

तालकटोरा में स्थिति और खराब

अब अगर तालकटोरा एरिया की बात की जाए तो यहां का एक्यूआई लेवल 267 दर्ज किया गया है। कुछ वक्त पहले यहां का एक्यूआई 400 के पार भी हो गया था। इस इलाके का एक्यूआई अक्सर 250 के पार ही रहता है। औद्योगिक एरिया होने की वजह से एक्यूआई लेवल में खासी उछाल देखने को मिलता है। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट होगी, इस एरिया के एक्यूआई लेवल में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।

ओवरऑल एक्यूआई भी बढ़ा

अब अगर ओवरऑल लखनऊ के सभी इलाकों को मिलाकर बात की जाए तो शुक्रवार को एक्यूआई लेवल में उछाल देखने को मिली है। ओवरऑल एक्यूआई 191 दर्ज किया गया है, जो गुरुवार के मुकाबले 36 प्वाइंट्स अधिक है।

एरियावाइज एक्यूआई

एरिया एक्यूआई

तालकटोरा 267

गोमतीनगर 213

अलीगंज 198

कुकरैल 101

शारदानगर 122

ओवरऑल लखनऊ का एक्यूआई

दिनांक एक्यूआई

8 नवंबर 191

7 नवंबर 155

6 नवंबर 149

5 नवंबर 187

ये कारण हैैं प्रमुख जिम्मेदार

1-धुंध का छाना

2-व्हीकल लोड बढ़ना

3-धूल उड़ना

4-तापमान में गिरावट

ये कदम उठाने होंगे

1-पानी का छिड़काव

2-कंस्ट्रक्शन साइट्स की निर्माण सामग्री को कवर करना

3-ओपन डंपिंग प्वाइंट्स को समाप्त करना

4-मलबा उठान पर फोकस

स्कूलों की छुट्यिां अलग-अलग समय करने की प्लानिंग

एयर क्वालिटी और स्मॉग की समस्या दूर करने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्य योजना तैयार कर सभी विभागों को जिम्मेदारी दे दी है। डीएम सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस गाइडलाइन को लेकर समीक्षा की गई।

एयर क्वालिटी कंट्रोल

डीएम द्वारा सभी उत्तरदायी विभागों को निर्देशित किया गया कि उपलब्ध उपकरणों का टाइम टेबल के आधार पर कार्मिकों की डयूटी लगाते हुए 24 घंटे वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए लिस्टिंग करते हुए अलग-अलग जगहों पर प्रयोग किया जाए। वाटर स्प्रिंकलिंग, एंटी स्मोग गन तथा मैकेनिकल स्वीपिंग कराई जाए। एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रदूषण विभाग को भेजी जाए। कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैटेरियल को साइट पर एकत्रित न कर नगर निगम द्वारा संचालित सीएंडडी वेस्ट प्लांट पहुंचाया जाए।

ट्रैफिक जाम न हो

डीआईओएस एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि लखनऊ में चल रहे स्कूलों की छुट्यिां एक ही समय पर न करके अलग-अलग समय पर की जाए, जिससे ट्रैफिक जाम न हो। जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि किसानों को जागरूक किया जाए कि पराली न जलाई जाए। नगर निगम को जाम वाले चौराहों पर कच्ची सड़कों की रिपेयरिंग के निर्देश दिए गए। वायु प्रदूषण फैलाये जाने वाले हॉटस्पॉट चिन्हित कर जल छिड़काव व एंटीस्मॉग गन से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।