लखनऊ (ब्यूरो)। जनेश्वर मिश्र पार्क समेत तीन से चार किमी के एरिया में जलभराव की समस्या हमेशा के लिए खत्म होने जा रही है। वजह यह है कि यहां अब नए सिरे से ड्रेनेज प्लान को इंप्लीमेंट किया जाएगा। यह काम एलडीए की ओर से कराया जाएगा और इसका डीपीआर नगर निगम ने तैयार की है। इस प्लान को इंप्लीमेंट करने के लिए 250 करोड़ से अधिक का बजट स्वीकृत हो गया है।

आईआईटी रुड़की ने तैयार किया प्लान

गोमतीनगर एरिया के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर आईआईटी रुड़की की ओर से प्लान तैयार किया गया है। गोमतीनगर एरिया में कई ऐसे प्वाइंट हैैं, जहां पर जलभराव की समस्या सामने आती है। इसे दूर करने के लिए ही आईआईटी रुड़की से मदद मांगी गई थी। जिसके बाद वहां की टीम ने आकर यहां पर स्थलीय सत्यापन किया था और अपनी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी। रिपोर्ट में मुख्य रूप से बताया गया है कि नालों की डिजाइन बदला जाना है जरूरी है। इसके साथ ही कई प्वाइंट्स पर नाला निर्माण भी कराया जाना चाहिए।

रिपोर्ट पर अध्ययन शुरू

निगम अधिकारियों की ओर से इस रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन किया गया और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर शासन के पास भेजी गई। अब शासन से इस प्रोजेक्ट को एप्रूवल मिल गया है। स्टेट डिजास्टर फंड के अंतर्गत 250 करोड़ से अधिक बजट की भी व्यवस्था कर ली गई है।

15 लाख आबादी को राहत

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई प्वाइंट्स पर नाले-नालियों का निर्माण कराया जाना है। इसके साथ ही कई ऐसे भी प्वाइंट हैैं, जहां पर पूर्व से निर्मित नाले-नालियों का मेंटीनेंस भी कराया जाएगा। इसके साथ जलनिकासी के लिए भी अलग से इंतजाम किए जाएंगे। अभी तक यहां पर सालों पुराना ड्रेनेज सिस्टम है, जो तीन से चार लाख की आबादी के आधार पर था। अब आबादी 15 लाख के करीब हो गई है, ऐसे में नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम को वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

अन्य इलाकों पर भी फोकस

निगम की ओर से अन्य इलाकों पर भी ड्रेनेज सिस्टम बेहतर बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से फैजाबाद रोड, अलीगंज, आलमबाग इत्यादि भी शामिल है। यहां पर भी सर्वे कराकर ड्रेनेज सिस्टम बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इन इलाकों में अक्सर जलभराव की समस्या सामने आती है।

गोमतीनगर एरिया में जलभराव की समस्या को देखते हुए ही इस प्रोजेक्ट को तैयार कराया गया है। प्रोजेक्ट को क्लीयरेंस मिलने के बाद जलभराव की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।

इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त