लखनऊ (ब्यूरो)। ऊर्जा नीति संस्थान की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अगर वर्तमान वायु प्रदूषण स्तर बना रहता हैं, तो भारत की औसत जीवन प्रत्याशा 3.6 साल तक घट सकती है। विशेष रूप से प्रदेश में अत्यधिक पीएम 2.5 के संपर्क में आने से निवासियों की औसत जीवन प्रत्याशा 5.9 वर्ष कम हो सकती है। यह जानकारी केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के हेड और नेशनल कोर कमेटी, डॉक्टर फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन की नेशनल कोर कमेटी के सदस्य डॉ। सूर्यकांत ने इंटरनेशनल क्लीन एयर डे के अवसर पर दी।

कई तरह की बीमारियां

डॉ। सूर्यकांत ने बताया कि भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है। जिससे हर साल करीब 21 लाख लोगों की जान जाती है। जिनमें से अधिकांश लोग तीव्र श्वसन संक्रमण, स्ट्रोक, हृदय रोग और लंग्स कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। जिससे हजारों लोगों की विभिन्न बीमारियों कारण मौत हो जाती है।

ऐसे करें बचाव

-फूलों के गुलदस्ते की जगह पौधे भेंट करें

-समारोह में पौधे लगाने की रस्म को शामिल करें

-सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ाएं

-सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वैहिक्ल को बढ़ावा दे

-धूम्रपान न करें