लखनऊ (ब्यूरो)। सीलिंग संबंधी एक्शन लिए जाने के बाद एलडीए की ओर से शुक्रवार को माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर के अवैध रूप से बने एफआइ अस्पताल को ध्वस्त करने के लिए कार्यवाही की गई। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही साथ ही तमाशबीनों की भी भीड़ जमा रही। हालांकि, दोपहर को हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद ध्वस्तीकरण संबंधी एक्शन फिलहाल रोक दिया गया है।
एक हिस्से को तोड़ दिया
एलडीए ने दोपहर तक एफआइ अस्पताल के एक हिस्से को तोड़ दिया। इस बीच हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद एलडीए को दोपहर बाद कार्रवाई रोकनी पड़ी। जिस एफआइ अस्पताल को मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर सिराज इकबाल ने बनाया था, वह पार्क और सेटबैक एरिया पर था। एलडीए के अधिकारियों ने जांच के बाद पांच दिसंबर को एफआइ अस्पताल को नोटिस जारी की थी। नोटिस में अस्पताल के निर्माण से जुड़े दस्तावेज मांगे गए थे। बिल्डर ने एलडीए की नोटिस का जवाब नहीं दिया तो 24 दिसंबर को इसे सील कर दिया गया था। अस्पताल सील करने के साथ एलडीए ने पांच जनवरी के बाद ध्वस्तीकरण करने की नोटिस भी जारी कर दी थी।
स्टूडेंट्स को दिया गया था मौका
एलडीए ने बुधवार और गुरुवार को एफआइ अस्पताल की नर्सिंग छात्राओं और फार्मासिस्ट छात्रों को उनके सामान एवं जरूरी दस्तावेज बाहर निकालने के लिए सील खोली थी। शुक्रवार को सुबह एलडीए के अधिकारी पोकलैंड और जेसीबी लेकर एफआइ अस्पताल पहुंच गए। एलडीए ने एफआइ अस्पताल का गेट और ग्राउंड फ्लोर की दीवारों को ध्वस्त करना शुरू किया। इस बीच कोर्ट से दो सप्ताह तक कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश मिल गए। एलडीए अब मंडलायुक्त कोर्ट के आदेश के बाद ही ध्वस्तीकरण कर सकेगा। वहीं, ध्वस्तीकरण के दौरान लेसा ने कैंट रोड की बिजली काट दी थी। एफआइ अस्पताल के पास रखा ट्रांसफार्मर हटा दिया गया था।
छतों पर हुई ड्रिलिंग
बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए छतों पर ड्रिलिंग भी कराई गई। इसके बाद जेसीबी की मदद से बाहरी हिस्से को तोड़ा गया। मलबा इधर-उधर न गिरे, इसके लिए उक्त स्थान पर बैरीकेडिंग भी की गई थी और पुलिस की मदद से लोगों को वहां से गुजरने नहीं दिया जा रहा था। ध्वस्तीकरण कार्यवाही में 40 से अधिक मजदूरों को लगाया गया था। इस काम में दो जेसीबी लगाई गई थीं। पूरी कार्रवाई चार से पांच घंटे ही चल सकी। फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर ध्वस्तीकरण प्वाइंट पर पुलिस का पहरा लगा हुआ है।