लखनऊ (ब्यूरो)। आखिरकार पावर कारपोरेशन की ओर से मान लिया गया है कि 12 लाख स्मार्ट मीटर में कमियां हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पावर कारपोरेशन की ओर से बिजली कंपनियों को पत्र भेजकर कमियां गिनाई गई हैैं। साथ ही सुधार के निर्देश दिए गए हैैं। उपभोक्ता परिषद की ओर से जो शिकायत मिली थी, वह सही मिली।
रीडिंग और जंपिंग की शिकायत
प्रदेश में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिम। को करीब चार साल पहले 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य ओपेक्स मॉडल पर दिया गया था। जिसमें एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज ने लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए। इसके बाद कभी लोड जंपिंग, कभी मीटर रीडिंग जंपिंग और कभी बत्ती गुल होने के मामले आए। शिकायत पर तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद भी अभियंता स्मार्ट मीटर की कमियों को दबाते रहे।
खुद किया स्वीकार
अब पावर कारपोरेशन ने खुद माना है की स्मार्ट मीटर में कमियां हैं। पावर कारपोरेशन ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में जो 25 हजार करोड़ के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर कंपनियों को दिए गए हैं, उसमें ये दिक्कतें न आएं। दिक्कतें आने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सख्त एक्शन लिया जाए
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि जब उपभोक्ता परिषद द्वारा पूर्व में उठाए गए सभी सवाल सत्य पाए गए तो ऐसे में स्मार्ट मीटर खरीद में और उसकी देखरेख में लगे सभी अभियंताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
ये कमियां आई हैं सामने
1-पुरानी तकनीकी के 2 जी, 3जी में आ रही नेटवर्क की प्रॉब्लम
2-नो डिस्प्ले की प्रॉब्लम
3- कनेक्शन काटने व जुड़ने में दिक्कतें
4- लोड जंपिंग
5-बिजली चमकने पर मीटर का बंद होना
6- रीडिंग रिसैटिंग होना
7- नैरो लेन, बेसमेंट, ग्रीन जोन, आउट स्कर्ट एरिया, कैंटोनमेंट एरिया में नेटवर्क न आना
8- स्मार्ट मीटर में शंट लगाकर चोरी करना
5जी तकनीकी बेस्ड मीटर खरीदना चाहिए
परिषद अध्यक्ष ने कहाकि बिजली कंपनियों को 4जी तकनीकी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद को रोकते हुए लेटेस्ट तकनीकी अथवा 5जी तकनीकी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीदने चाहिए। परिषद की यह भी मांग है कि उपभोक्ताओं को भी बताया जाए कि उनके परिसर में लगे मीटर में खामी आती है तो तत्काल इसकी जानकारी किस स्तर पर करें।