लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के टैगोर मार्ग परिसर में एलडीए के सहयोग से हो रहे आठ दिवसीय समकालीन मूर्तिकला शिविर का समापन सोमवार को हुआ। मुख्य अतिथि जेपी पांडे कुलपति अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि यह कलाकारों की कलाकृति देख कर बेहद प्रसन्नता हो रही है।
प्रमुख चौराहों-पार्कों में स्थापित
कार्यक्रम में शामिल एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने बेहद सुंदर व आकर्षक कलाकृतियां बनाई हैं। उन्होंने कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि अब इन मूर्तिशिल्प को शहर के प्रमुख चौराहों व पार्कों में स्थापित किया जाएगा, जो शहर की सुंदरता बढ़ाएंगे। क्यूरेटर वंदना सहगल ने बताया कि आठ दिन सभी कलाकारों ने अथक परिश्रम करके यह सारे मूर्तिशिल्प का निर्माण किया है।
यहां से आए थे कलाकार
कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि शिविर में आये कलाकारों में दो महिला और आठ पुरुष मुर्तिकार देश के पांच अलग-अलग राज्यों जैसे-बिहार, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आये थे। महिला मूर्तिकारों में अवनी पटेल जो गुजरात से थीं, शिविर में इनका माध्यम येलो सैंडस्टोन था। इसमें एक वृत्ताकार आकृति को मुड़े हुये रूप में दिखाने का प्रयास किया है। निधी, जो शिविर की दूसरी महिला मूर्तिकार थीं, वह भी गुजरात से थीं। निधि ने पिंक सैंडस्टोन पर काम किया है। जिसमे अलग-अलग पत्थरों को मिलाकार एक आकृति का निर्माण किया गया।
पेपर लिली पर किया काम
शिविर में उपस्थित पुरुष मूर्तिकारों में चार मूर्तिकार लखनऊ से थे। लखनऊ के गिरीश पांडेय ने दो पत्थर-ब्लैक ग्रेनाइट और यलो मार्बल के मिश्रण से पेपर लिली विषय को लेकर काम किया। मुकेश वर्मा भी लखनऊ से हैं, शिविर में इनका विषय प्रकृति था, जिसमें इन्होंने अंकुरण शीर्षक पर काम किया। मूर्तिकार अवधेश कुमार ने पर्यावरण संतुलन शीर्षक पर काम किया। शिविर में कार्य कर रहे पंकज कुमार बिहार से आये थे। इन्होंने प्रकृति के दो स्वरूपों को दर्शाया।
यहां लगेंगी कलाकृतियां
एलडीए की ओर से कवायद की जा रही है कि लोहिया पार्क, जनेश्वर मिश्र पार्क, रिवर फ्रंट समेत कई प्रमुख पार्कों और चौराहों के आसपास कलाकृतियों को लगाया जाएगा। इस बाबत स्पेस भी चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही यहां पर कलाकृतियों को लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।