लखनऊ (ब्यूरो)। आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। वर्ष 2018-21 में जहां 17,261 मरीजों ने कैंसर का इलाज करावाया था। वहीं, वर्ष 2022-23 के दौरान 26,124 मरीजों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवाया है। यानि पहले के मुकाबले आयुष्मान योजना के तहत 51 प्रतिशत अधिक मरीजों ने कैंसर का इलाज कराया है। यह बातें स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की सीईओ संगीता सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर साचीस कार्यालय में स्पेशल इंट्रेस्ट ग्रुप की बैठक के दौरान बताई।
मरीजों को मिल रहा इलाज
संगीता सिंह ने आगे बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कैंसर के इलाज के लिए 398 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। प्रदेश में अब तक 1,18,535 कैंसर मरीजों ने इलाज लिया जिसके सापेक्ष 312 करोड़ की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। वहीं, दीपा त्यागी, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि कैंसर बीमारी के प्रति लोगों को और जागरूक होने की आवश्यकता है। वह दिन दूर नहीं जब हर ग्राम पंचायत व मोहल्ले में ही लोगों के इसी कैंसर की जांच हो सकेगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं, लक्षण के आधार पर इस बीमारी की रिपोर्टिंग भी बढ़ी है। साथ ही निजी पैथालॉजी केंद्र भी लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। वहीं, एसजीपीजीआई के डॉ। गौरव अग्रवाल ने बताया कि कैंसर के इलाज में बड़ी धनराशि खर्च होती है। इसलिए कोशिश यही है कि कमजोर वर्ग को अपनी जेब से कुछ भी खर्च न करना पड़े और उनको इलाज भी आसानी से मिल सके।
कैंसर संस्थान में एमआरआई जांच अगले साल से
चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में मरीजों को एमआरआई जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि एमआरआइ जांच की सुविधा अब संस्थान में ही मिलेगी। संस्थान में मशीन स्थापित की जा चुकी है। डॉक्टरों ने नए साल से एमआरआई जांच की सुविधा मरीजों को मिलने की उम्मीद जाहिर की है। गरीब मरीजों का योजना के तहत मुफ्त जांच होगी। निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि आधुनिक तकनीक से लैस मशीन रेडियोडायग्नोसिस विभाग में स्टॉल की जा रही है। इसके बाद मशीन को ट्रॉयल के रूप में चलाई जाएगी। सबकुछ ठीक रहने पर नए साल से सभी मरीजों को जांच की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। एमआरआई जांच का शुल्क पीजीआई और लोहिया संस्थान के समान ही लिया जाएगा।