लखनऊ (ब्यूरो)। शासन की ओर से कंपल्सरी की गई बायोमेट्रिक अटेंडेंस एडेड कॉलेजों की परेशानी का सबब बन रही है। एक तरफ कॉलेजों में मैनेजमेंट की तरफ से रुचि न होने की बात सामने आ रही है तो वहीं दूसरी ओर अगले साल एडमिशन कम होने का खतरा भी नजर आ रहा है। इसके अलावा कॉलेजों का कहना है कि इस व्यवस्था के तहत सिर्फ राजकीय व एडेड कॉलेजों को लाया जा रहा है। सेल्फ फाइनेंस व यूनिवर्सिटी पर यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है।
सेल्फ फाइनेंस में अनिवार्य नहीं
नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो। मंजुला उपाध्याय का कहना है कि बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर हमारा सबसे बड़ा कंसर्न यह है कि सेल्फ फाइनेंस कॉलेज में तो बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य नहीं किया गया है। यूनिवर्सिटी में भी ऐसा ही है। ऐसे में अगर एडेड कॉलेजों में हाजिरी को अनिवार्य कर दिया जाएगा तो अगले सत्र से स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं लेंगे। हालांकि, मैनेजमेंट से इस संबंध में बात की जा रही है।
मैनेजमेंट की भी रुचि नहीं
एडेड कॉलेजों की परेशानी कॉलेज के मैनेजमेंट का रुचि न लेना भी है। इन कॉलेजों में प्रबंध तंत्र की बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उनकी रुचि के बिना मशीनों का लग पाना भी मुमकिन नहीं है। सरकार से कॉलेजों को कोई आर्थिक मदद मिलती नहीं है। यहीं नहीं पूरे मामले में सबसे ज्यादा परेशानी प्रिंसिपलों के लिए है, क्योंकि व्यवस्था न करने पर उनपर कार्यवाही के भी निर्देश हैं। ऐसे में उनके लिए यह व्यवस्था अधिक परेशानी खड़ी कर रही है।
दो कॉलेजों में हुई व्यवस्था
एलयू से संबद्ध दो कॉलेजों में स्टूडेंट्स की बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हो चुकी है। इनमें एपी सेन मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज और कृष्णा देवी गर्ल्स पीजी कॉलेज शामिल हैं। इनके अलावा कालीचरण पीजी कॉलेज, शिया पीजी कॉलेज, अवध गर्ल्स कॉलेज में स्टूडेंट्स का डेटा फीड किया जा रहा है। केकेसी में दिसंबर के पहले सप्ताह तक यह व्यवस्था शुरू होगी।