लखनऊ (ब्यूरो)। खुद को हाई क्लास सोसाइटी का दिखाने, महंगे शौक, रंगबाजी और गर्ल फ्रैंड के शौक को पूरा करने के लिए युवा अपराध करने से भी नहीं चूक रहे हैं। राजधानी में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें इंजीनियरिंग, एमबीए और लॉ के स्टूडेंट भी आपराधिक मामलों में शामिल पाए गए हैं। इन लोगों ने चोरी, लूट, हत्या तक के घटनाओं को अंजाम दिया है। मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अच्छी शिक्षा हासिल करने वाले कुछ युवा अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति से संतुष्ट नहीं होते हैं। वे वह हर चीज हासिल करना चाहते हैं, जो हाई क्लास सोसाइटी के लोगों के पास होती है। जिसके चलते सही मार्गदर्शन न मिलने पर कई बार ये गलत कामों में लग जाते हैं और अपना फ्यूचर तबाह कर लेते हैं। पेश है मयंक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
बनाना था करियर, बन गए क्रिमिनल
राजधानी में आपराधिक वारदातों में शामिल स्टूडेंट्स में अधिकतर दूसरे जिलों से यहां करियर बनाने आए थे लेकिन चोरी, लूट, हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देकर ये अपराधी बन गए। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे युवाओं का अपराध की ओर अग्रसर होने के पीछे परिवार से दूर रहना भी एक बड़ा कारण होता है। वे यहां खुद को पूरी तरह आजाद समझते हैं और जो मन में आता है, वो करते हैं। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता है। इसमें गलत संगत मुख्य रोल अदा करती है।
केस एक
प्रेमिका के शौक के लिए चोर बन गया लॉ स्टूडेंट
सुशांत गोल्फ सिटी में लॉ का स्टूडेंट प्रेमिका के शौक पूरे करने के लिए चोरी करने लगा। गोसाईगंज पुलिस ने उसे करीब चार लाख की ज्वैलरी के साथ गिरफ्तार किया। इसी एरिया के एमआर अपार्टमेंट निवासी अब्दुल हमीद के यहां इसी साल 17 सितंबर को चोरी हुई थी। दो दिन बाद इसी अपार्टमेंट के आशीष द्विवेदी और फराह के यहां भी ठीक उसी तरह चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी चेक किए तो एक युवक ताला तोड़ते नजर आया, जिसकी पहचान इसी अपार्टमेंट में रहने वाले रवि गुप्ता के रूप में हुई। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपनी प्रेमिका के शौक पूरे करने के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम देता था।
केस दो
इंजीनियरिंग स्टूूडेंट बन गया हत्यारा
वाराणसी निवासी प्रशांत बीबीडी में इंजीनियरिंग सेकंड ईयर का स्टूडेंट था। वह विजयखंड में किराये के कमरे में जौनपुर के आलोक यादव, लखीमपुर खीरी के अभय मिश्रा और मऊ के विकास सिंह के साथ रहता था। उसका उसी कालेज में पढ़ रहे लखीमपुर के पूर्व विधायक के बेटे और बीटेक फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट अर्पण शुक्ल उर्फ टाइगर से टशन के चलते विवाद हुआ। मारपीट के बाद प्रशांत इनोवा से अलकनंदा अपार्टमेंट में रहने वाली बीबीडी की सीनियर छात्रा से मिलने गया। वहां अर्पण ने अपने साथियों के साथ प्रशांत की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
केस तीन
एमबीए स्टूडेंट ने ताज होटल से उड़ाया पर्स
दिल्ली निवासी अतुल नाग पत्नी संगीता संग शादी में शामिल होने गोमती नगर के होटल ताज में आए थे। इस दौरान संगीता का पर्स चोरी हो गया था, जिसमें ढाई लाख रुपए का ब्रेसलेट, 11 हजार कैश और मोबाइल आदि सामान था। सीसीटीवी में चोरी करने वाला युवक कैद हो गया था। जिसकी पहचान पीजीआई स्थित जोडियक अपार्टमेंट में रहने वाले आरडीएसओ से रिटायर्ड अधिकारी के बेटे सुधांशु सिंह के रूप में हुई। पूछताछ में सुधांशु ने बताया कि पर्स में मिला ब्रेसलेट उसने एक शोरूम में जाकर बेचा और आपने पास से 10 हजार रुपए लगाकर 25 ग्राम सोने का बिस्किट खरीदा था। आरोपी सुधांशु सिंह लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमबीए का रहा था। अपने शौक पूरे करने के लिए इसने चोरी की थी।
केस चार
एमबीए ग्रेजुएट करते थे ऑटो लिफ्टिंग
जानकीपुरम पुलिस ने राजधानी में एक हाईटेक ऑटो-लिफ्टिंग गैैंग के चार मेंबर्स को गिरफ्तार किया था। जिसमें एक एमबीए ग्रेजुएट भी शामिल था। ये गैंग महंगी कारों को चुराकर उसे कबाड़ के वाहनों के रूप में बेचते थे। इनके पास से 14 चोरी किए गए वाहन और एक ऐसा उपकरण बरामद किया गया था जो एसयूवी में इग्निशन इम्मोबिलाइज़र को हैक करने के लिए यूज किया जाता है। इस गैंग के सभी सदस्यों को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
कई बार ऐसा होता है कि एकेडमिक करियर के दौरान स्टूडेंट सोसाइटी की चकाचौंध भरी दुनिया में भटक जाते हैं और गलत संगत के चक्कर में फंसकर ऐसा काम कर देते हैं, जिससे उनका पूरा करियर बर्बाद हो जाता है। इसमें अधिकतर ऐसे स्टूडेंट होते हैं, जो अपने शहर से दूसरे शहर जाकर पढ़ाई कर रहे होते हैं। इसका कारण यह है कि उन्हें सही पारिवारिक गाइडेंस नहीं मिल पता है। कालेज और संस्थान काउंसलिंग सेशन तो करते हैं लेकिन पैरेंट्स की भूमिका वह नहीं निभा पाते हैं। ऐसे में जरूरी है, जब तक बच्चा अपना करियर न बना ले, तब तक पैरेंट्स उस पर बराबर नजर रखें और उसे सही-गलत के बारे में जानकारी देते रहें। बच्चा अगर घर से दूर पढ़ने गया है तो पैरेंट्स की उसके प्रति जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।
- डॉ। आदर्श त्रिपाठी, मनोचिकित्सक, केजीएमयू
अपराध की दुनिया की ओर क्यों आकर्षित हो रहे शिक्षित युवा
1- सही परवरिश न होना
कई बार बच्चा छोटे पर घर में चोरी करता है तो पैरेंट्स उसे नजरअंदाज कर देते हैं। इससे उसे लगने लगता है, कि वह जो भी करेगा पैरेंट्स उसमें उसका साथ देंगे। यह सोच बच्चा बड़े होने पर भी अपने मन से नहीं निकाल पता है।
2- महंगे शौक
शहरों में मॉल कल्चर बढ़ने से भी 10वीं पास करने के बाद ही कुछ स्टूडेंट मॉल जाकर दूसरों को देखकर हर महंगी चीज खरीदने की चाह रखने लगते हैं। ऐसे में जब उनके पास पैसा नहीं होता है तो वे चोरी आदि करके अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं।
3- हर चीज हासिल करनी है
आज का युवा अत्यधिक महत्वाकांक्षी है। वो हर वह चीज हासिल करना चाहता है जो अपने दोस्तों के पास देखता है। ऐसे में वह अपराध का दामन थामने से भी पीछे नहीं रहता है।
4- अकेलापन भी खतरनाक
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार दूसरे शहर जाकर पढ़ाई करने वाले कुछ स्टूडेंट्स अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। वे सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी चीजें देखने लगते हैं जो उन्हें काल्पनिक दुनिया में ले जाती हैं और वे वास्तविकता से दूर होकर अपराध की दुनिया से जुड़ जाते हैं।