लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर क्रिमिनल्स ने एक सीनियर सिटीजन को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान उनसे करीब 19.50 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने के नाम पर डराया धमकाया था। 6 दिनों तक किसी से संपर्क भी नहीं करने दिया। रकम ट्रांसफर करने के बाद जब उन्हें अपने साथ हुए फ्रॉड होने का एहसास हुआ तो उन्होंने साइबर क्राइम थाना में केस दर्ज कराया है।
मनी लॉड्रिंग के नाम पर जाल में फंसाया
ठाकुरगंज निवासी कमलाकांत मिश्र ने बताया कि वह पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड हैं। 6 नवंबर को उनके पास एक अननोन नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके आधार कार्ड के जरिए कई बैंक अकाउंट खोले गए हैं और उन अकाउंट का यूज मनी लॉङ्क्षड्रग में किया जा रहा है।
मुंबई का अफसर बनकर की कॉल
पीड़ित जबतक कुछ समझ बाते उनके पास दूसरी कॉल आ गई। इस बार कालर ने अपना परिचय मुंबई अंधेरी ईस्ट पुलिस स्टेशन के अधिकारी के रूप में दिया। उसने कहा कि आपके बैंक खाते की गोपनीय जांच की जाएगी। जांच पूरी होने तक परिवार और दोस्तों को कुछ नहीं बताएंगे। मुंबई पुलिस के कथित अधिकारी की कॉल कटने के बाद कमलाकांत को नए नंबर से फोन आया। कालर ने बताया कि उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। वीडियो कॉल से नजर रखी जाएगी। इस दौरान किसी से संपर्क नहीं कर सकते। डर के कारण उन्होंने परिवार को कोई बात नहीं बताई।
बैैंक की डिटेल पूछ उड़ाई रकम
इस बीच उनके बैंक अकाउंट की डिटेल पूछी गई। पुलिस अधिकारी बने जालसाज ने बोला कि खाते में जमा रुपयों की जांच करनी पड़ेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो सारी रकम वापस भेज दी जाएगी। इसके बाज छह से 12 नवंबर के बीच कई बार में 19.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। लगातार वीडियो कॉल के माध्यम से निगरानी करते रहे। रुपयों की जांच होने के बाद वापस खाते में नहीं आए तो ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाना इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया सीनियर सिटीजन को डिजिटल अरेस्ट कर उनके साथ फ्रॉड किया गया है। उनकी कंप्लेन पर केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।