लखनऊ (ब्यूरो)। मोमोज का ठेला लगाने वाले एक शख्स ने 30 जुलाई 2018 को राजधानी में ऐसी घटना को अंजाम दिया था, जिसने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा दिया था। अति सुरक्षित माने जाने वाले राजभवन के ठीक सामने एक्सिस बैैंक के बाहर कैश वैन में सनसनीखेज लूट की वारदात हुई थी। बाइक सवार लुटेरे ने कैश वैन में मौजूद गन मैन गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर विरोध करने पर एक कस्टोडियन को गोली मारकर घायल कर दिया था। जिस जगह पर वारदात को अंजाम दिया गया था, वहां से गौतमपल्ली थाने की दूरी 400 मीटर, राजभवन का मेन गेट 50 मीटर, कानून मंत्री आवास 5 मीटर, एडीजी जोन ऑफिस 400 मीटर और सीएम आवास 400 मीटर की दूरी पर था। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। लखनऊ पुलिस के साथ यूपी पुलिस की साख भी दांव पर लग गई थी। आखिरी में पुलिस लुटेरे तक पहुंची और न केवल लूट की रकम बरामद हुई बल्कि लुटेरा भी सलाखों के पीछे पहुंचा।

कानून मंत्री आवास के बगल में खड़ी थी कैश वैन

30 जुलाई 2018 दिन सोमवार दोपहर करीब 3.40 बजे एक कैश वैन (यूपी 32 एफएन 4840) राजभवन के सामने स्थित एक्सिस बैंक में कैश देने पहुंची थी। ड्राइवर मलिहाबाद निवासी रामसेवक ने कैश वैन राजभवन से चंद कदमों की दूरी पर स्थित बैंक के सामने तत्कालीन कानून मंत्री व वर्तमान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बंगले के बगल स्थित सर्विस लेन में खड़ी की थी। कस्टोडियन उमेश 44 लाख रुपये से भरे दो बैग लेकर एक्सिस बैंक चला गया था। वैन में सिक्योरिटी गार्ड सीतापुर निवासी इंद्रमोहन शर्मा व ड्राइवर मलिहाबाद निवासी रामसेवक बैठे हुए थे।

आते ही मार दी गोली

ड्राइवर रामसेवक ने बताया कि वे लोग गेट को लॉक कर वैन में बैठे हुए थे। इसी बीच मुंह में रूमाल बांधे एक युवक वहां आ पहुंचा। उसने बिना कुछ बोले ही गार्ड इंद्रमोहन को गोली मार दी। रामसेवक के मुताबिक, इंद्रमोहन को गोली मारने के बाद बदमाश ने उस पर फायर किया। पर उसका निशाना चूक गया और गोली पेट को छूते हुए निकल गई। इस पर रामसेवक वहां से शोर मचाते हुए जान बचाकर भागा। तभी बदमाश ने वैन में एचडीएफसी बैंक में देने के लिये रखे नोटों से भरे दो बैग निकाल लिये और उन्हें लेकर एक्सिस बैंक गेट की ओर दौड़ पड़ा।

कस्टोडियन ने किया था पीछा

बैंक में बैग देकर लौट रहे कस्टोडियन उमेश ने जब बदमाश को नोटों का बैग लेकर भागते देखा तो वह उसके पीछे भागा। उमेश को अपनी ओर आता देख बदमाश ने उस पर फायर कर दिया। गोली उमेश के बाएं पैर में लगी और वह सड़क पर धराशायी हो गया था। इसी बीच रोड के दूसरी ओर से यह देख रहा रामसेवक बदमाश के पास भागते हुए आ पहुंचा और उससे बैग छीनने का प्रयास किया था। बीच सड़क संघर्ष होता देख उधर से गुजर रहे राहगीर प्रभात पांडेय ने भी बदमाश का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन उसने उन पर भी पिस्टल तान दी। इसी बीच रामसेवक बदमाश से एक बैग छीनकर बैंक के भीतर भाग गया।

कोहनी मारकर गिरा दी थी पिस्टल

प्रभात ने हाथ खड़े कर लिये और बैंक में जाने की बात कहकर बदमाश के बगल से चल दिये। उसे क्रास करते ही प्रभात ने अपनी कोहनी बदमाश के हाथ में मौजूद पिस्टल पर मार दी। पिस्टल जमीन पर गिर पड़ी। तभी बदमाश ने कमर में लगा दूसरी पिस्टल निकाल ली। यह देख प्रभात भी तेज गति से बैंक के भीतर भागे। इधर, बदमाश बाकी बचे बैग को कंधे में टांगा और एक्सिस बैंक के गेट के बगल में खड़ी अपनी सफेद रंग की टीवीएस स्टार बाइक से फरार हो गया।

35 सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था

राजभवन में वारदात को अंजाम देने के बाद शातिर लुटेरा मेन रोड की जगह गोलियों से होता हुआ कृष्णा नगर भोला खेड़ा पहुंचा था। उसे यकीन था कि इतनी बड़ी लूट के बाद हर चौराहा व मेन रोड पर पुलिस चेकिंग शुरू कर देगी। पुलिस को चकमा देने और उससे बचने के लिए वह लालकुआं होते हुए गलियों के साथ फरार हुआ था। पहली बार पुलिस टीम ने हजारों सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली थी। सीसीटीवी फुटेज के लिए पुलिस की एक अलग टीम भी बनाई गई थी और उसे सफलता भी मिली। करीब 35 कैमरों की फुटेज में लुटेरा कैद भी हुआ था, लेकिन अचानक वह आलमबाग के बाद गायब हो गया। उसने वह रास्ता चुना जहां कैमरे लगे ही नहीं थे।

बाइक का नंबर निकला फर्जी

बदमाश जिस बाइक से फरार हुआ उस पर (यूपी 32 बीके 7068) नंबर अंकित था। जब इस नंबर की पड़ताल की गई तो यह नंबर फर्जी निकला। असल में यह एक्टिवा का नंबर था जो एक महिला के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

एक ई-मेल से मिला था पुलिस को सुराग

सोशल मीडिया पर आरोपी विनय उर्फ विनीत की फोटो और वीडियो वायरल होने से पुलिस को काफी मदद मिली। डीजीपी ऑफिस में कृष्णानगर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने ई-मेल किया था। इसमें आरोपी के बारे में जानकारी दी गई थी। मेल करने वाले ने फुटेज व अखबार में फोटो देखकर हुलिया के आधार पर पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस आरोपी के घर पहुंची थी। हालांकि, वह तब तक फरार हो चुका था, लेकिन लूट की घटना के दिन मिली फुटेज से लुटेरे के जूते और बाइक का भी मिलान हो गया था। लुटेरे की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई थीं।

12 संदिग्धों में एक लुटेरे का नंबर भी था

12 संदिग्धों के मोबाइल नंबर रडार पर थे, जिनमें से एक विनय का भी था। ई-मेल आने पर पुलिस टीम को इसकी पुष्टि करने के लिए भेजा गया। सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी न्यू इंद्रपुरी पहुंचे और छानबीन शुरू की। आरोपी किस मकान में रहता है, इसकी सटीक जानकारी पुलिस के पास नहीं थी, इस कारण घर पर दबिश देने में विलंब देरी हो रही थी।

मां और बहन से लंबी पूछताछ

पुलिस अफसरों ने लुटेरे के घर पर पहुंचकर पड़ताल की। उसकी मां और बहन से लंबी पूछताछ की। लुटेरा विनीत तिवारी मूलरूप से रायबरेली के नगदीपुर अमरनगर का निवासी था। वह रायबरेली कोतवाली में हत्या के मामले में वांछित था। उसके खिलाफ गुरुबख्शगंज थाने में भी युवती के अपहरण की एफआईआर भी दर्ज थी।

मोमोज बेचता था

सनसनीखेज वारदात का आरोपी कभी-कभी नहरिया तो कभी मानकनगर स्टेशन पर ठेला लगाकर मोमोज बेचता था। आरोपी विनय ने अकेले ही लूट की वारदात को अंजाम दिया था। हालांकि मामले का खुलासा होने पर विनय के बहनोई कविंद्र पांडेय ने उसकी पत्नी व बच्चों समेत फरार होने में मदद की थी। पुलिस विनय के बाद उसके बहनोई को भी गिरफ्तार कर लिया था।

ये आरोपी हुए थे गिरफ्तार

-विनीत उर्फ विनय उर्फ बद्री तिवारी मूल निवासी नगदीपुर अमरनगर, रायबरेली

-लुटेरे के मददगार बहनोई कवींद्र पांडेय को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था

-दोनों आरोपी जमानत पर हैं और केस ट्रायल पर है

क्या-क्या बरामद हुआ था

-घटना में यूज की गई सफेद बाइक

-32 बोर पिस्टल की खाली मैगजीन

-घटना में अभियुक्त के पहने हुए जूते

-मुंह में बांधा हुआ सफेद रूमाल

-घटना करते समय यूज किया गया बैग

-लूट की रकम में 4 लाख 73 हजार 900 रुपये कैश

-315 बोर का तमंचा

-कैश वैन से लूटा गया कैश बैग

-2 फर्जी बाइक की नंबर प्लेट