लखनऊ (ब्यूरो)। महानगर में कलेक्शन एजेंट से लूट के प्रयास के दौरान लुटेरों ने दो राउंड फायर किया था। एक गोली कलेक्शन एजेंट की कलाई को छू कर निकल गई थी जबकि दूसरी गोली उसे बाये तरफ सीने में लगी थी। हालांकि, बाये तरफ शर्ट की ऊपरी जेब में नोटों की गड्डी और डायरी रखी होने के चलते गोली नोट में ही फंस गई और उसकी जान बच गई। इस सनसनीखेज लूट कांड का पुलिस ने महज 24 घंटे में खुलासा कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने लुटेरों तक पहुंचने के लिए 500 रुपये से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एक लुटेरे के लाल जूते ने मिले सुराग से पूरे गैैंग को धर दबोचा।
पूर्व कर्मचारी के साथ मिलकर रची थी साजिश
महानगर पुलिस और डीसीपी सेंट्रल की सर्विलांस टीम समेत चार टीमों ने करीब 500 सीसी फुटेज की पड़ताल कर निजी स्टोर के कलेक्शन एजेंट से लूट के आरोप में तीन आरोपियों को पकड़ा। स्टोर के सेल्समैन नवल किशोर ने पूर्व कर्मचारी सर्वेश यादव और अस्पताल संचालक विमल के साथ मिलकर लूट की साजिश रची थी। कलेक्शन एजेंट अर्पित अग्रवाल गुरुवार देर रात जब स्टोर से बैग में 1.40 लाख रुपये लेकर निकला तो तय योजना के तहत उस समय सर्वेश और विमल बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के पास घात लगाए बैठे थे। नवल ने ही स्टोर के अंदर से सर्वेश को वाट््सएप मैसेज कर जानकारी दी कि अर्पित निकल चुका है। इसके बाद विमल और सर्वेश ने मेट्रो स्टेशन के पास अर्पित को रोक लिया। सर्वेश ने अर्पित की बाइक से चाभी निकाल ली और विमल बैग छीनने का प्रयास करने लगा। अर्पित के विरोध पर सर्वेश ने उसे दो गोलियां मारी और तीसरी हवाई फायङ्क्षरग की।
35 हजार रुपये में खरीदी थी पिस्टल
एडीसीपी सेंट्रल मनीषा ङ्क्षसह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में नवल किशोर इटौंजा के रायपुर राजा गांव का रहने वाला है और सर्वेश उसका पड़ोसी है। वहीं, विमल कुमार माधवपुर का रहने वाला है और वह सीतापुर रोड पर पार्टनरशिप में विश्वास हास्पिटल का संचालक है। तीनों को सीसी फुटेज के आधार पर ङ्क्षचह्नित किया गया है। वारदात के बाद तीनों अपने घर में थे, जहां से पकड़े गए। सर्वेश स्टोर में काम करता था। उसने एक साल पहले ही स्टोर की नौकरी छोड़ी थी। बदमाशों की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल हुई पिस्टल बरामद की ली गई है। पिस्टल आगरा से 35 हजार रुपये में कुछ दिन पहले ही खरीदी गई थी।