लखनऊ (ब्यूरो)। अमन गौतम की मौत की निंदा सभी जाति-धर्म से ऊपर उठकर कर रहे हैं, क्योंकि पुलिस की इस अमानवीय हरकत ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। उनके इस कार्य से एक पूरा परिवार उजड़ गया। दुनिया में आने से पहले ही अमन की पत्नी की गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चे भी उसकी बेटी आराध्या संग अनाथ हो गए। परिवार का इकलौता कमाने वाला चला गया। एक टूटे-फूटे घर में रहने वाला परिवार अब कैसे पलेगा, इस सवाल का जवाब अब शायद किसी के पास नहीं है। सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस पूरे मामले के बारे में जानने के लिए अमन के घर के आसपास के लोगों से बात की तो पता चला कि पुलिस की थ्योरी में तो छेद ही छेद नजर आ रहे हैं। पेश है मयंक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
विवाद की सूचना मिली थी पुलिस को
विकास नगर में रहने वाले अमन गौतम की पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका आरोप है कि अमन के शरीर पर पीटे जाने के निशान थे। पुलिस झूठ तो बोल ही रही है, साथ ही उन्हें धमकी भी दे रही है। वहीं, पुलिस को कॉल करने वाली महिला का भी कहना है कि उसने जुआं की नहीं, अपने बेटे से परेशान होकर पुलिस को कॉल की थी।
एक दिन पहले आया था नेपाल से
अमन के चचेरे भाई विपिन ने बताया कि अमन सीसीटीवी लगाने का काम करता था। नेपाल में चार दिन काम करके वह गुरुवार को ही घर आया था। शनिवार को जागरण का चंदा लेने वह घर से निकला था लो पुलिस ने पकड़कर वैन में बैठाकर पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस कह रही है कि पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक आया है, जबकि अमन के शरीर पर चोट के कई निशान थे।
पत्नी के गर्भ में जुड़वा बच्चे
अमन की मौत से पूरी तरह टूट चुकी रोशनी ने बताया कि उसे गर्भ में जुड़वा बच्चे पल रहे हैं। अमन जुड़वा बच्चे की खबर सुन काफी खुश थे। रोशनी बोली, पुलिस ने उसके तीनों बच्चों को अनाथ कर दिया। वहीं, रोशनी ने आरोप लगाया कि पुलिस धमकी देकर कह रही है कि मामले को ज्यादा तूल न दो, अंत में आना तो पुलिस के पास ही है।
बेटी का बर्थडे नहीं मना सका अमन
अमन के भाई विपिन ने बताया कि अमन की बेटी आराध्या 28 अक्टूबर को चार साल की हो जाएगी। अमन और रोशनी आराध्या के बर्थडे की तैयारी कर रहे थे। बर्थडे से पहले ही अमन दुनिया से चला गया। अमन सात भाईयों में सबसे छोटा और परिवार में इकलौता कमाने वाला था। चार भाईयों की मौत पहले ही हो चुकी है।
जुआरी भागे, निर्दोषों को पकड़ा
पुलिस का कहना है कि शनिवार रात उसे 112 पर कॉल कर जुआं खेले जाने की सूचना दी गई थी, जिस पर पुलिस ने वहां रेड की। वहीं पुलिस को सूचना देने वाली कमला देवी ने बताया कि उनका बड़ा बेटा शराब पीकर शनिवार को उनसे झगड़ा कर रहा था, इस पर उन्होंने छोटे बेटे के मोबाइल से पुलिस को कॉल की थी। पुलिस आई तो पार्क के एक कोने में जुआं खेल रहे कुछ लोग भाग निकले लेकिन पुलिस ने पार्क की ओर से आ रहे अमन गौतम और पार्क में टहल रहे सोनू को पकड़ लिया।
सोनू नहीं आ रहा सामने
अमन के साथ पकड़े गए सोनू को पुलिस ने बिना कार्रवाई किए रात में ही छोड़ दिया था। उसके बाद से वह घर से गायब है। उसका परिवार दहशत में है। सोनू ब्रेड बेचने का काम करता है और पार्क के सामने ही एक मकान में परिवार के साथ किराए पर रहता है। अमन और सोनू के बीच किसी तरह का कोई लिंक नहीं है। अमन के परिवार का कहना है कि पुलिस ने सोनू से जबरन गवाही दिलाई थी कि उन लोगों के साथ कोई मारपीट नहीं हुई। परिवार का आरोप है कि पुलिस के डर से ही सोनू सामने नहीं आ रहा है।
दो लाख रुपये की आर्थिक मदद
अमन की मौत के बाद उसके घर पर राजनैतिक दलों के लोगों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को मोहनलालगंज के सपा सांसद और सपा नेता अमन के घर पहुंचे और अमन की पत्नी रोशनी को दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा। इस दौरान रोशनी को आश्वासन दिया गया कि इस लड़ाई में वे परिवार का पूरा साथ देंगे और जल्द ही परिवार की पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात कराई जाएगी।
पार्क में जुआं तो होता है, पर दोनों निर्दोष हैं
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने विकास नगर सेक्टर 8 के अंबेडकर पार्क के आस-पास रहने वाले कई लोगों से बात कर यह जानने की कोशिश की कि उस दिन हुआ क्या था। इस पर लोगों ने बताया कि पार्क में जुआं तो खेला जाता है लेकिन जुआं खेलने के आरोप में जिन दो युवकों अमन और सोनू को पकड़ा गया, वह न पहले कभी वहां जुआं खेलते दिखे और ना ही मामले के दिन वहां जुआं खेल रहे थे। लोगों ने बताया कि वे कोई नशा नहीं करते थे और ना ही किसी तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते थे। दोनों ही कड़ी मेहनत करके अपना परिवार पालने वाले हैं।