लखनऊ (ब्यूरो)। विधानसभा के सामने सात अक्टूबर को आत्मदाह करने वाले ई-रिक्शा चालक मुन्ना विश्वकर्मा ने सोमवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आत्मदाह के मामले में आलमबाग पुलिस पहले ही आरोपी टेंट कारोबारी रंजीत को जेल भेज चुकी है। वहीं, पुलिसकर्मियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।

कार्रवाई न होने पर आहत था

सआदतगंज के झब्बारन टोला निवासी मुन्ना विश्वकर्मा आलमबाग में रंजीत चक्रवर्ती के बंगाली टेंट हाउस में काम करते थे। मुन्ना डेकोरेशन व बिजली का ठेका लेते थे। वर्ष 2017 से 2019 के बीच मुन्ना का रंजीत पर सात लाख रुपये बकाया था। आरोपी ने रकम देने से मना कर दिया था। मुन्ना ने इसकी शिकायत आलमबाग थाने और मवैया चौकी में की थी, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद परिवार चलाने के लिए वह ई-रिक्शा चलाने लगे थे। कार्रवाई न होने से आहत मुन्ना ने सोमवार सात अक्टूबर की शाम करीब चार बजे विधानभवन के गेट नंबर नौ के पास खुद को आग लगा ली थी। उनको पहले सिविल और फिर ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई। छानबीन के बाद पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उनके परिवार में पत्नी रेनु और 16 वर्षीय बेटा अनमोल है।

पुलिस कर्मियों पर नहीं हुई कार्रवाई

मुन्ना ने मामले में पुलिसकर्मियों पर सुनवाई न करने का आरोप लगाया था। साथ ही उनपर पिटाई का भी आरोप था। बावजूद इसके उच्चाधिकारियों ने संबंधित पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में पुलिस ने टेंट कारोबारी को जेल भेजकर खानापूर्ति कर ली।