लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय न्याय संहिता के नए कानून में क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन अहम है। क्राइम स्पॉट पर क्राइम सीन के इंवेस्टिगेशन व एविडेंस संकलन स्पेशल टीम करती है। अभी तक लखनऊ कमिश्नरेट में इसकी जिम्मेदारी एफएसएल टीम की थी जो कि केवल एक महानगर में मौजूद रहती है। टीम कम होने के चलते कई बार उसके मौके पर देर से पहुंचने पर एविडेंस बिगड़ जाते थे। इसे देखते हुए अब लखनऊ के पांचों सर्किल जोन में एक-एक स्पेशल फील्ड यूनिट टीम बनाई गई है।जिन्हें विधि विज्ञान संस्थान से स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है।

हर यूनिट में तीन पुलिसकर्मी

डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन सेल (सीएसआईएस) का गठन किया गया है। इसमें एक महिला और दो पुरुष कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर के निर्देश पर सीएसआईएस सेल के तहत पांचों जोन में एक-एक टीम तैनात की गई है। यह टीम किसी जोन में घटना होने पर पुलिस के साथ-साथ मौके पर जाएगी। टीम का काम फिंगरप्रिंट, ब्लड सैंपल, असलहा आदि साक्ष्यों को जुटाना होगा। इसके बाद जांच के लिए भेजना होगा। टीमों की निगरानी फॉरेंसिक सेल प्रभारी की ओर से की जाएगी।

ट्रेनिंग से बनाया परफेक्ट

डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि अभी पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के पास एक फील्ड यूनिट है। अब हर जोन में एक फॉरेंसिक टीम तैनात की गई है। इन टीमों के 6 एसआई और 31 कांस्टेबल को फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने और क्राइम सीन सुरक्षित करने की ट्रेनिंग स्टेट फॉरेंसिक लैब में दी गई है। फॉरेंसिक टीम नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से संपर्क में रहेगी। घटना में मिले फिंगरप्रिंट को सेल में भेजकर तुरंत मिलान करना होगा, ताकि संबंधित व्यक्ति के बारे में जल्द से जल्द डिटेल जुटाई जा सके।

स्पेशल ड्रेस व व्हीकल भी

डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन सेल टीम संसाधनों के मामले में भी अपडेट होगी। इसे परफेक्ट ट्रेनिंग के साथ साक्ष्य एकत्र करने के लिए संसाधन, उपकरण और केमिकल उपलब्ध कराए जाएंगे। सीएसआईएस सेल की टीम एक स्पेशल हाफ जैकेट (पीले रंग) में होगी। साथ ही उन्हें एक व्हीकल भी दिया जाएगा ताकि वह सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच सके।