लखनऊ (ब्यूरो)। मेटा कंपनी, जो पहले फेसबुक के नाम से जानी जाती थी, की सर्विसेज और प्रोडक्ट्स में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप जैसे पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं, जिनके दुनियाभर में करोड़ों यूजर्स हैं। लोगों को एक-दूसरे से कनेक्ट करने के अलावा मेटा कंपनी का एआई फीचर सुसाइड रोकने में भी किसी 'सुपरहीरो' जैसा काम कर रहा है। यूपी की बात करें यहां मेटा एआई की मदद से पुलिस ने बीते करीब 20 महीनों में 528 लोगों की जान बचाई है। इन लोगों ने फेसबुक या इंस्टाग्राम पर अपने सुसाइड अटेंप्ट की सूचना डाली थी। लखनऊ में भी मेटा एआई की मदद से पुलिस ने इसी महीने एक 21 वर्षीय महिला को सुसाइड से पहले बचाया था और दो दिन पहले 12वीं क्लास के छात्र की जान बचाई है।

चंद सेकेंड में पहुंच जाता है मैसेज

इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वीडियो के लाइव होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मेटा एआई इसे 'संकटग्रस्त श्रेणी' में चिह्नित कर पुलिस को सूचित करता है। अलर्ट मिलने पर पुलिस तत्काल संबंधित पुलिस स्टेशन से संपर्क करती है। जिसके बाद महिला को 4 मिनट के भीतर और 12वीं के स्टूडेंट को 10 मिनट के भीतर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जान बचा ली।

528 लोगों की बचा चुका है जान

जनवरी 2023 से अगस्त 2024 के बीच, मेटा एआई ने 740 ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया और यूपी पुलिस को सतर्क किया। जनवरी 23 से अब तक फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सुसाइड की जानकारी शेयर करने वाले 528 लोगों की जान सफलतापूर्वक बचाई गई है।

24 घंटे एक्टिव रहता है सेंटर

जब ऐसा कोई वीडियो इंस्टाग्राम या फेसबुक पर पोस्ट किया जाता है, तो मेटा एआई तुरंत डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर को अलर्ट कर देता है। यह सेंटर चौबीसों घंटे काम करता है। वे अलर्ट को प्रोसेस करते हैं और व्यक्ति के स्थान और अन्य डिटेल का पता लगाने के लिए इंटरनेट का यूज करते हैं। यह जानकारी फिर नजदीकी पुलिस स्टेशन के साथ साझा की जाती है, जहां अधिकारी तुरंत कार्रवाई करते हैं और सफलतापूर्वक जान बचाते हैं।

4 मिनट में पहुंचकर बचाई जान

मोहनलालगंज के सुल्तानपुर रोड पर एक छोटे से गांव की रहने वाली महिला ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में महिला को एक कुर्सी पर खड़े देखा जा सकता था, जिसके गले में लाल रंग का दुपट्टा छत के पंखे से बंधा हुआ दिखा, जिससे साफ लग रहा था कि वह आत्महत्या करने को तैयार है। मेटा ने यह मैसेज डीजीपी हेड क्वार्टर को भेजा। 4 मिनट के भीतर मैसेज की डिटेल पर पुलिस महिला के घर पहुंची और उसकी जान बचाई।

प्यार में धोखे पर किया सुसाइड का प्रयास

निगोहां के थाना प्रभारी अनुज तिवारी के नेतृत्व में टीम को दिए गए पते पर पहुंचने में लगभग 4 मिनट लगे। टीम दोपहर 12.15 बजे महिला के घर पहुंची और तुरंत उसके घर के अंदर जाकर उसे बचाया। पूछताछ में पता चला कि महिला ने 23 वर्षीय अमन नाम के व्यक्ति से लव मैरिज की थी। उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और 4 महीने तक साथ रहे थे। लेकिन बाद में उसने उसे छोड़ दिया और अपनी शादी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उसने आत्महत्या करने की कोशिश की थी।

सोशल मीडिया सेंटर के ई-मेल पर आया अलर्ट

दूसरी घटना 24 सितंबर सैरपुर इलाके की है। यहां गर्लफ्रेंड से नाराज इंटर के छात्र ने एक्सपायरी दवा खाकर सुसाइड का प्रयास किया। मंगलवार को दोपहर 2.18 बजे सैरपुर थानाक्षेत्र के रहने वाले इंटर के छात्र ने घर में रखी पुरानी दवा का ओवरडोज लेकर आत्महत्या करने का वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किया। वीडियो पर मेटा कंपनी ने तुरंत एक्शन लिया। डीजीपी ऑफिस के सोशल मीडिया सेंटर पर ई-मेल से अलर्ट भेजा। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर एसटीएफ कंट्रोल रूम से लोकेशन ट्रेस कर पुलिस मीडिया सेल को 2.28 बजे सूचना दी गई। लोकेशन सैरपुर थानाक्षेत्र की ट्रेस हुई।

10 मिनट में पहुंची पुलिस ने बचाई जान

महज 10 मिनट में सैरपुर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ छात्र के घर पहुंचे। उन्होंने छात्र की समस्या सुनी और उसकी काउंसिलिंग की। लड़के ने बताया कि गर्लफ्रेंड ने उसका दिल दुखाने वाली बात कह दी थी। उसी से आहत होकर वह आत्महत्या करना चाह रहा था और उसने घर में रखी पुरानी दवा की 10 गोलियां खा लीं। उसने दवा खाते समय का वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। पुलिस ने छात्र की काउंसिलिंग कराई और छात्र ने दोबारा ऐसा न करने की बात भी कही।