लखनऊ (ब्यूरो)। हीरो हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ने दंपति संग पांच पर 30 लाख की जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि दंपति ने जमीन का जाली बैनामा गिरवी रखकर लोन लिया। किश्त जमा न होने पर कंपनी ने प्लॉट पर कब्जा लिया। इसी दौरान प्लॉट मालिक के सामने आने पर जालसाजों की करतूत का खुलासा हुआ। डीसीपी उत्तरी आरएन सिंह के निर्देश पर पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

2019 में किया था आवेदन

विशालखंड एक निवासी पंकज कुमार सिंह विभूतिखंड साइबर हाइट्स स्थित हीरो हाउसिंग फाइनेंस में अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि वास्तुखंड निवासी कृष्ण और उनकी पत्नी माधुरी ने 2019 में 30 लाख के लोन के लिए आवेदन किया था। इस दौरान दंपति ने फैजुल्लागंज में 1000 वर्गफीट का प्लॉट बतौर बंधक रखा था। लोन स्वीकृत से पहले कंपनी ने सत्यापन कराया तो प्लॉट पर संजय श्रीवास्तव निवासी प्रीतिनगर ने खुद को विक्रेता और दंपति को क्रेता बताया। बैनामे के आधार पर दंपति ने इस प्लॉट को अपनी संपत्ति बताया। जिसके बाद नवंबर 2019 में लोन स्वीकृत कर दिया गया।

जमीन एक दावा दो का

लोन की किश्त जमा न होने पर कंपनी ने वसूली के लिए एडीएम ट्रांसगोमती को प्रार्थनापत्र दिया। जिसपर एडीएम ने जुलाई 2023 को इस प्लॉट पर कब्जा लेने का आदेश कंपनी के पक्ष में कर दिया। कंपनी ने आदेश पर कब्जा ले लिया। कुछ समय बाद एक व्यक्ति कंपनी आया और प्लॉट को अपना बताया। दस्तावेज देखने के बाद कंपनी ने कृष्ण और माधुरी से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हुई। जिसके बाद अधिकारियों के आदेश पर कंपनी को इस प्लॉट से कब्जा छोड़ना पड़ा।

फर्जी रजिस्ट्री का केस दर्ज

30 लाख की धोखाधड़ी देख कंपनी अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने डीसीपी उत्तरी से मुलाकात कर शिकायत की। शुरुआती जांच के बाद मड़ियांव पुलिस ने कृष्ण, माधुरी, संजय श्रीवास्तव, फर्जी रजिस्ट्री के गवाह सलामुद्दीन और श्यामलाल के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।