लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow Crime News: महानगर थानाक्षेत्र के हनुमान सेतु से आ रही तेज रफ्तार अनियंत्रित कार ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी। बाइक सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरी को हॉस्पिटल पहुंचाया गया जहां कुछ देर बाद उसने भी दम तोड़ दिया। दोनों देवी जागरण में प्रसाद की दुकान लगाने का सामान लेने बाइक से जा रहे थे। तभी केजीएमयू के एक जूनियर डॉक्टर नशे में धुत अपनी कार से बाइक में टक्कर मार दी। एक्सीडेंट देर रात करीब 12.30 बजे हुआ। रविवार को पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार वालों को सौंप दिया। मृतक की मां ने जूनियर डॉक्टर के खिलाफ महानगर थाने में केस दर्ज कराया है।
प्रसाद का सामान लेने गए थे
महानगर पुलिस के अनुसार, निशातगंज गली नंबर 6 के रहने वाले पार्थ (16) के मोहल्ले में शनिवार को जागरण हो रहा था। जहां पर उसके दोस्त ओल्ड हैदराबाद, निशातगंज के रहने वाले प्रेम निषाद (20) की मां गौरी ने प्रसाद की दुकान लगाई थी। प्रसाद में कुछ सामान कम होने पर मां गौरी ने प्रेम को लाने के लिए भेजा। प्रेम अपने भाई राहुल की बाइक लेकर पार्थ के साथ फूल माला व सामान लेने निकला था।
तेज रफ्तार में थी कार
दोनों दोस्त बाइक से हनुमान सेतु की तरफ जा रहे थे तभी नटबीर बाबा मंदिर के सामने तेज रफ्तार टाटा जेस्ट यूपी 54 यू 0269 ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास की लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। प्रेम की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि पार्थ को हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि गाड़ी में एक लड़का और एक लड़की थे। दोनों शराब के नशे में धुत थे। एक्सीडेंट के बाद गाड़ी छोड़कर खुद ही पुलिस चौकी भाग गए। वहां से पुलिसवालों ने लड़की को भगा दिया। पुलिस गाड़ी कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
जूनियर डॉक्टर है आरोपी
मामले में इंस्पेक्टर महानगर का कहना है कि शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। रविवार सुबह गाड़ी के नंबर के आधार पर मालिक की पहचान की गई। गाड़ी केजीएमयू के सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टर वैभव अग्रवाल की बताई जा रही है। वहीं, एक्सीडेंट में प्रेम की मौत के बाद गौरी निषाद ने डॉक्टर के खिलाफ महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
गोमती में डूबने से हुई थी पिता की मौत
पार्थ के पिता अमित शुक्ला 12 साल पहले अपने दोस्तों के साथ गोमती में नहाने गए थे। वहां नहाने के दौरान वे डूब गए थे। इसके बाद से बाबा घर चला रहे थे। पार्थ अपने परिवार का इकलौता बेटा था और उसके ऊपर ही पूरा घर निर्भर था, लेकिन इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। घर का खर्च पार्थ के बाबा किराए के पैसों से चला रहे थे। घटना के बाद से पार्थ की बहन अन्नया और मां दुर्गेश देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रेम के पिता के साथ मिलकर चलाता था घर खर्च
प्रेम गोताखोर था, जबकि पिता पेंटर थे। पूरे घर का खर्च दोनों चलाते थे। बाकी जगराते के बाहर प्रेम की मां प्रसाद की दुकान लगाती थीं। घटना के बाद से वे गुमसुम हैं।