लखनऊ (ब्यूरो)। फेस्टिव सीजन के बाद 12 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक शादियों का सीजन चलेगा। इस सीजन में पूरे देश में 48 हजार तो अकेले राजधानी में तीन हजार से ज्यादा शादियां होने जा रही हैं। अब शादियों में लोगों को इनवाइट करने का तरीका भी बदल रहा है। मैरिज कार्ड ने डिजिटल इनवाइट का रूप ले लिया है। साइबर क्रिमिनल्स इस बदलते ट्रेंड का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में, सावधान रहें क्योंकि ऐसे किसी गलत इनविटेशन पर क्लिक करना आफत को दावत दे सकता है

लिंक क्लिक करते हैक हो जाता है फोन

साइबर क्राइम सेल के प्रभारी शिशिर यादव ने बताया कि शादियों के सीजन में डिजिटल इनवाइट के अलावा अंजान नंबर से आने वाली पीडीएफ फाइल को क्लिक करते ही मैलवेयर एक्टिव हो जाता है और एप के रूप में मोबाइल फोन पर इंस्टॉल हो जाता है। इसके बाद स्मार्टफोन से जुड़े सारे कमांड को कॉपी कर वायरस भेजने वाले को भेज देता है। इस वायरस से आपका फोन बंद नहीं होगा बल्कि एक लिंक हमेशा एक्टिव रहेगा जिसका कंट्रोल वायरस भेजने वाले के पास रहता है। वह जब चाहे उसे एक्सेस कर मनचाहे तरीके से ऑपरेट कर सकता है।

राजधानी में भी हो चुका है फ्रॉड

साइबर क्राइम सेल के प्रभारी शिशिर यादव ने बताया कि डिजिटल इनवाइट साइबर क्रिमिनल्स का नया हथियार है। राजधानी में पहले भी मोबाइल पर अंजान नंबर से पीडीएफ फाइल भेज कर साइबर क्रिमिनल्स ने दर्जनों लोगों को फ्रॉड का शिकार बनाया है। अब फ्रॉड के लिए डिजिटल इनवाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए पूरे देश में अलर्ट भी जारी किया गया है कि अंजान नंबर से आने वाले किसी भी तरह के डिजिटल इनवाइट को बिना वैरीफिकेशन के क्लिक न करें।

ऐसे वर्क करता है मैलवेयर वायरस

मैलवेयर हानिकारक सॉफ्टवेयर है जो आपकी जानकारी के बिना आपके डिवाइस पर इंस्टॉल हो जाता है। वायरस, स्पाईवेयर और रैनसमवेयर मैलवेयर के सामान्य प्रकार हैं। साइबर क्रिमिनल्स आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए मैलवेयर का यूज करते हैं, जैसे कि आपके यूजर नाम और पासवर्ड, बैंक खाता संख्या।

अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें

-अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन को अपडेट रखें। साइबर अपराधी पुराने या अप्रचलित सॉफ्टवेयर में कमजोरियों की तलाश करते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि जैसे ही अपडेट उपलब्ध हों, आप उन्हें तुरंत इंस्टॉल कर लें।

-पॉपअप में किसी लिंक पर कभी क्लिक न करें। बस ऊपरी कोने में एक्स पर क्लिक करके संदेश को बंद करें और उस साइट से दूर जाएं जिसने इसे जारी किया था।

-अपने डिवाइस पर ऐप्स की संख्या सीमित रखें। केवल वही ऐप्स इंस्टॉल करें जिनकी आपको जरूरत है और जिन्हें आप नियमित रूप से इस्तेमाल करेंगे। और अगर आप अब किसी ऐप का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो उसे अनइंस्टॉल कर दें।

-अपनी डिवाइस में अच्छा एंटीवायरस साफ्टवेयर डाउनलोड करके रखें।

-किसी भी कारण से अपना फोन किसी को उधार न दें या अपने डिवाइस को अकेला न छोड़ें और उनकी सेटिंग और ऐप अवश्य जांचें। यदि आपकी डिफॉल्ट सेटिंग बदल गई है या कोई नया ऐप रहस्यमय तरीके से दिखाई दिया है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि स्पाइवेयर इंस्टॉल किया गया है।

-व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले ईमेल से सावधान रहें। अगर आपके बैंक से कोई ईमेल आता है और आपको किसी लिंक पर क्लिक करके अपना पासवर्ड रीसेट करने या अपने खाते तक पहुंचने का निर्देश देता है, तो उस पर क्लिक न करें। सीधे अपनी ऑनलाइन बैंकिंग साइट पर जाएं और वहां लॉग इन करें।

डिजिटल इनवाइट ही नहीं किसी भी तरह की पीडीएफ अगर व्हाट्सअप पर अंजान मोबाइल नंबर से आती है तो बिना वैरीफिकेशन के उसे क्लिक न करें। डिजिटल इनवाइट को साइबर क्रिमिनल्स अपना नया हथियार बनाकर लोगों से फ्रॉड कर रहे हैं। वे इसके सहारे उनके स्मार्टफोन का एक्सेस हासिल कर गोपनीय डिटेल का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

-शिशिर यादव, साइबर एक्सपर्ट, साइबर क्राइम सेल