लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow Crime News: पीजीआई की महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी करने वाले गैैंग के पांच और मेंबर्स दबोचे गए। आरोपियों की गिरफ्तारी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार ङ्क्षसह की टीम ने वेव माल पेट्रोल पंप के पास की। इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।
बिहार का गैंग कर रहा था डिजिटल अरेस्ट
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बिहार सीतामढ़ी के श्रीखंडी भिट्टा पूर्वी का ऋषिकेश कुमार उर्फ मयंक, पटना के स्टेशन रोड का गोपाल उर्फ रोशन उर्फ राहुल, समस्तीपुर के मुख्तियारपुर का गणेश कुमार, चंदौली के सकलडीहा के नारायना का मणिकांत पांडेय उर्फ मिश्रा जी और वाराणसी के सारनाथ के बरईपुर का राजेश गुप्ता है।
हर मेंबर का अलग-अलग था काम
टीम ने आरोपियों के पास से 2,42,100 रुपये नकद, 15 चेक बुक, 18 एटीएम, आठ यूपीआइ स्कैनर, सात मोबाइल और दो लैपटाप बरामद किए हैं। डिप्टी एसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ठगी के रुपये अलग-अलग खातों में मंगाते थे। इसके बाद रकम को तय खातों में ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद बिनांस एप के माध्यम से खाता धारकों से रुपये वापस मंगा लेते थे। लोगों को फंसाने का काम ऋषिकेश उर्फ मयंक, गोपाल उर्फ रोशन उर्फ राहुल और गणेश करते हैं। वहीं, मणिकांत पांडेय उर्फ मिश्रा जी और राजेश गुप्ता करंट और कारपोरेट खाते की चेकबुक, इंटरनेट बैंङ्क्षकग की आइडी पासवर्ड और रजिस्टर्ड सिम का इंतजाम करते थे।
टेलीग्राम एप से निकालते थे डाटा
डिप्टी एसपी ने बताया कि जालसाजों ने पीजीआई की महिला डाक्टर को फोन पर सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया था। उनकी निजी जानकारी हासिल कर रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। आरोपी टेलीग्राम एप से डाटा निकालते थे। टीम अभी इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।