लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर क्रिमिनल नए-नए पैतरे से लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे हैं। ऐसा की एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर क्राइम सेल की सक्रियता के चलते 24 लाख के फ्रॉड को न केवल 48 घंटे में सॉल्व कर दिया बल्कि फ्रॉड से लूटी गई रकम को भी रिकवर कर लिया। हालांकि, साइबर क्रिमिनल को पुलिस पकड़ नहीं सकी और वह दुबई फरार हो गया। सरदारी खेड़ा आलमबाग में बेगलुरू की एक फेमस लोन कंपनी का ऑफिस है। जिसमें अरुण कुमार कंपनी में रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में काम करते हैं। उन्होंने 18 सितंबर को साइबर क्राइम सेल में शिकायत की थी कि डालीगंज निराला निवासी शाहबाज खान ने कंपनी में संपर्क किया और गोल्ड लोन लेने की अप्लाई किया था। शाहबाज खान ने बताया कि उसका मणप्पुरम कंपनी से पहले ही गोल्ड लोन चल रहा था। 24 लाख रुपये कीमत का गोल्ड उसने बैैंक में गिरवी रखा है। वह उस लोन को वहां से खत्म कर उनकी कंपनी से लोन लेना चाहता है।
कंपनी ने कराया था वैरीफिकेशन
शाहबाज खान के आवेदन पर कंपनी के कर्मचारियों ने उसने मणप्पुरम कंपनी से लोन का वैरीफिकेशन किया था। जो सही पाया गया। इसके बाद गोल्ड लोन के आवेदन का प्रोसेस शुरू किया और कंपनी के कर्मचारी ने उसके डॉक्यूमेंट के साथ उसे घर का भी वैरीफिकेशन किया। नियमानुसार कंपनी को पहले गोल्ड की कीमत यानि 24 लाख मणप्पुरम कंपनी में जमा कर वहां से लोन खत्म करना होता है और फिर कंपनी उस गोल्ड को अपने यहां गिरवी रखकर लोन शुरू करती है। सारा प्रोसेस होने के बाद कंपनी ने सोने की कीमत के 24 लाख मणप्पुरम कंपनी को पेमेंट कर दिया।
लोन की रकम आते ही लेकर फरार हो गया
नियमानुसार कस्टमर का लोन लेते समय हर कंपनी उसका एक लोन अकाउंट खोलती है। मणप्पुरम कंपनी में भी शाहबाज का लोन अकाउंट था। लोन अदा करने के लिए पहले 24 लाख की रकम उसके अकाउंट में आई और उस रकम को वह अपने अकाउंट से मणप्पुरम कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर करना था। जिसके बाद गोल्ड को शिकायतकर्ता के कंपनी में ट्रांसफर किया जाना था। शाहबाज ने अकाउंट में पैसा आने के बाद मणप्पुरम कंपनी में ट्रांसफर करने की जगह उसे अपने पर्सनल अकाउंट बैैंक ऑफ बदौड़ा में ट्रांसफर कर लिया और मौके से फरार हो गया।
48 घंटे में रकम को ब्लॉक करा दिया
पैसा ट्रांसफर करने के बाद भी कंपनी को जब गोल्ड नहीं मिला तो उन्होंने मणप्पुरम कंपनी के ठाकुरगंज ब्रांच से संपर्क किया। वहां पता चला कि शाहबाज ने न तो पेमेंट की और न ही अपना लोन खत्म किया। इसके बाद कंपनी के लोगों ने जब शाहबाज से संपर्क किया तो उसने मोबाइल रिसीव तो किया लेकिन खुद दुबई में होने की बात कहता रहा। जिसके बाद कंपनी के साथ हुई ठगी की जानकारी होने पर कंपनी ने मैनेजर अरुण कुमार ने साइबर क्राइम सेल में इसकी कंप्लेन की। दूसरे दिन मदेयगंज थाने में शाहबाज खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साइबर क्राइम सेल के साइबर एक्सपर्ट अखिलेश पटेल ने 48 घंटे में बैैंक ऑफ बदौड़ा के मैनेजर से संपर्क कर शाहबाज खान के खाते में ट्रांसफर रकम को फ्रीज करा दिया और ठगी की सारी रकम को वापस करा दिया। अब मदेयगंज पुलिस साइबर फ्रॉड करने वाले शाहबाज खान की तलाश कर रही है।