लखनऊ (ब्यूरो)। आशियाना में रक्षा विभाग के अफसर को जमीन दिखाने का झांसा देकर कुछ लोगों ने बंधक बनाया और पिस्टल की नोक पर अश्लील वीडियो बनाकर उसके संग मारपीट करते रहे। दो दिन तक उसे कार में बंधक बना आसपास के जिलों में घुमाते रहे और मारपीट करते रहे। अधिकारी के मोबाइल का पासवर्ड लेकर उसके दो खातों से दो लाख रुपए निकाल लिए। बदमाशों के चुंगल से किसी तरह छूटने के बाद अफसर ने इलाज कराया और फिर आशियाना पुलिस से गुहार लगाई लेकिन उसे वहां से टरका दिया गया। इस पर उन्होंने डीजीपी और पीएस होम को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी और बाद में कोर्ट के आदेश पर आशियाना थाने में केस दर्ज किया गया।

जमीन दिखाने के लिए बुलाया

आशियाना मानसरोवर एलडीए कॉलोनी निवासी आनंद कुमार वर्मा रक्षा विभाग में सीनियर ऑडिटर हैं। उनका कहना है कि 23 सितंबर को उनके पास कॉल आई और सीतापुर रोड पर एक जमीन दिखाने की बात की गई। उन्हें जमीन खरीदनी थी, इसलिए 24 सितंबर की सुबह वह कॉल करने वाले से मिलने के लिए ऑफिस में कार खड़ी करके टैक्सी से मोहिबुल्लापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। 20 मिनट बाद एक व्यक्ति बाइक से आया और जमीन दिखाने की बात कहकर उन्हें अपने साथ ले गया। गलियों में घुमाते हुए वह एक तीन मंजिला मकान में ले गया, जहां पहले से एक व्यक्ति हाथ में पिस्टल दिए मिला। उन्हें वहां पिस्टल के बल पर बंधक बना उनका मोबाइल छीन लिया गया।

बनाया अश्लील वीडियो

पीड़ित का कहना है कि इसके बाद वहां एक और व्यक्ति आया और फिर तीनों ने उन्हें पीटकर अश्लील वीडियो बनाया। उन लोगों ने मोबाइल का पासवर्ड मांगा और न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। वहीं, आनंद जब देर रात तक घर नहीं आए तो पत्नी ने आशियाना थाने में 25 सितंबर को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। पीड़ित का कहना है कि 25 सितंबर को आरोपित ओला कंपनी की कार नंबर यूपी 32 एमएन 3268 से उन्हें आईआईएम रोड से से हरदोई ले गए। कार में उनके साथ 6 अन्य लोग भी थे।

बेटी को कराई कॉल

पीड़ित ने बताया कि कार एक ढाबे में रुकी तो पांच लोग खाना खाने गए। इस दौरान एक व्यक्ति पिस्टल के बल पर उन्हें कार में बंधक बनाए रहा। सुबह 8 बजे अतरौलिया गांव की ओरजंगल में ले गए और पैदल एक खेत में ले जाकर जान से मारने की धमकी दे उनसे मोबाइल का पासवर्ड मांगा। इस पर उन्होंने कहा कि पहले परिवार से बात कराओ, तो उनके मोबाइल से ही उनकी बात बेटी आरुषि से कराई गई। उनसे कहलवाया गया कि वे दोस्त के यहां कानपुर आए हैं। दोपहर दो बजे तक घर आ जाएंगे। इसके बाद उन्होंने मोबाइल का पासवर्ड आरोपितों को बता दिया।

बस में बैठाकर वापस भेजा

मोबाइल का पासवर्ड और मोबाइल लेने के बाद दो लड़के वहां से चले गए और करीब तीन बजे वापस आए। इसके बाद उन लोगों ने उन्हें संडीला लखनऊ बार्डर के पास रोडवेज बस यूपी 30 एटी 4084 पर बैठाया और धमकी दी कि मोबाइल का सिम कल तक बंद मत करना। वह कुछ देर तक बस के पीछे आए फिर गायब हो गए।

अलग-अलग खातों में पैसा ट्रांसफर

पीड़ित ने बताया कि 25 से 26 सितंबर के बीच उनके पीएनबी और एसबीआई के खाते से एक लाख अस्सी हजार रुपये अलग अलग व्यक्तियों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए। घर पहुंचने के बाद उन्होंने लोकबंधु अस्पताल में मेडिकल कराया और 29 सितंबर को हाथ में फ्रैक्चर होने पर ऑपरेशन कराने के लिए 30 सितंबर को वह प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। ठीक होने के बाद उन्होंने रमाबाई चौकी इंचार्ज से मिलकर आरोपियों पर कार्रवाई की बात कहीं तो पुलिस ने कहा, आपकी गुमशुदगी दर्ज थी, वापस आ गए, अब आपका मामला खत्म हो गया। कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं।

डीजीपी और पीएम होम को लिखा पत्र

आशियाना पुलिस की हीलाहवाली पर आनंद ने डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) को पत्र लिखा और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बाद आशियाना थाने में 8 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया। पीड़ित का कहना है कि जब उन्होंने बैैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि पेटीएम और भारतपे 24 से 25 सितंबर के दौरान ऑनलाइन आवेदन कर 33 हजार और 63 हजार रुपये लोन भी लिया गया। आरोपियों ने पीएनबी से भी डेढ़ लाख रुपये लोन लेने का प्रयास किया। लोन पास हो गया लेकिन उन्होंने सिम बंद कर दिया, जिससे पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ।