लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में पिछले एक दशक में लुटेरों व टप्पेबाजों ने कई ऐसी सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दिया है, जिन्होंने पुलिस की नींदें उड़ा दीं। ऐसा की एक मामला 9 साल पहले 17 जनवरी, 2015 को सामने आया था। जब बर्लिंग्टन चौराहा के पास बैैंक ऑफ बदौड़ा के बाहर खड़ी कैश वैन से शातिर बदमाश रुपयों से भरा बक्सा लेकर फरार हो गए थे। वारदात को दोपहर 2.30 बजे के करीब अंजाम दिया गया, जब उस रूट पर ट्रैफिक में पैदल चलना तक मुश्किल होता था। बदमाश रुपयों से भरा बक्सा सिर पर उठाकर फरार हो गए और कैश वैन में मौजूद गार्ड व कर्मचारियों को पता तक नहीं चला। बक्से में 1 करोड़़ 33 लाख रुपये थे। कैसरबाग पुलिस बदमाशों का सुराग तक नहीं लगा सकी।
घेराबंदी की, सीसीटीवी फुटेज भी मिली
अति सुरक्षित और अति व्यस्त इलाके में दिन दहाड़े 1 करोड़ 33 लाख की लूट से हड़कंप मच गया। वारदात अंजाम देने वाले बदमाशों ने न तो आर्म्स का यूज किया और न कोई हमला किया। पुलिस इस वारदात को लूट की जगह टप्पेबाजी बताती रही। पुलिस की कई टीमें बनाई गईं और आस-पास के इलाके की घेराबंदी की गई। कई होटलों को चेक किया गया और चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई। कुछ कैमरों की फुटेज में तीन युवक सिर पर बक्सा लेकर जाते हुए नजर भी आए। पुलिस ने कुछ घंटे बाद ही खाली बक्शा चारबाग इलाके से बरामद किया था।
एक बदमाश चार लाख के साथ पकड़ा
कैसरबाग इलाके से कैश सिक्योरिटी वैन से 1 करोड़ 33 लाख रुपए उड़ाने की घटना से पुलिस विभाग पर कई सवाल खड़े हो रहे थे। करीब 22 दिन बाद 9 फरवरी 2015 को पुलिस ने वारदात में शामिल एक बदमाश को पकड़ने का दावा किया। पुलिस ने उसे चारबाग इलाके से गिरफ्तार किया था। उसके पास से चार लाख रुपए की नगदी, दो लैपटाप, मोबाइल फोन और एक टेबलेट बरामद हुआ था। पकड़ा गया आरोपी तमिलनाडु का रहने वाला था। पुलिस का दावा था कि उसने इस घटना को अपने पांच साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश के लिए टीम बनाने का भी दावा किया था। तत्कालीन एसएसपी यशस्वी यादव ने दावा किया था कैश सिक्योरिटी वैन से एक करोड़ 33 लाख रुपए चोरी होने के मामले में पुलिस टीम ने महाराणा प्रताप चौराहे के पास से लगे एक सीसीटीवी फुटेज मिली थी। इस फुटेज में आधा दर्जन बदमाश बक्सा लेकर जाते हुए दिखाई दिए थे। छानबीन के दौरान पुलिस को हुलिया देखकर लगा कि वे बदमाश साउथ इंडियन हैं। इसके बाद पुलिस ने जब छानबीन को आगे बढ़ाया तो पता चला कि यह गैंग तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली रामजीनगर का है।
चार आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी पुलिस
तत्कालीन एसएसपी ने इस बड़ी वारदात में एक आरोपी को गिरफ्तार कर केस के वर्कआउट का दावा किया, लेकिन उसके पास से केवल चार लाख रुपये ही बरामद कर सकी। इसके बाद पुलिस की एक टीम वहां पहुंची, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस का दावा था कि रामजीनगर गैंग के दो सदस्य चारबाग के पास मौजूद हैं। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच व कैसरबाग पुलिस की संयुक्त टीम ने चारबाग के पास से तमिलनाडु तिरुचिरापल्ली के रामजीनगर निवासी मनोहर को गिरफ्तार किया था। जबकि उसका दूसरा साथी पुलिस के हाथ नहीं लगा था। उसने बताया कि कैश वैन से बक्सा चोरी करने की घटना में उसके साथ लक्ष्मन, सुधाकर, शरथ, अल्लू और श्रीधर शामिल थे। हालांकि, 9 साल बाद भी पुलिस इन पांचों का न तो सुराग लगा सकी और न ही लूट की रकम वापस आई।
दावे कई पर कार्रवाई आज तक नहीं
तत्कालीन एससपी ने दावा किया था कि अब इस गैंग के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए कोर्ट के माध्यम से वारंट भी लिया जाएगा। टप्पेबाज मनोहर को पकड़ने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने 30 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा भी की थी। पुलिस का दावा था कि गैंग के सदस्य काफी शातिर हैं और वे टप्पेबाजी करने के लिए पूरे भारत में मशहूर हैं। इस गैंग ने दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा जैसे राज्यों में कई घटनाओं को अंजाम दिया था।