लखनऊ (ब्यूरो)। नए साल की शुरुआत लखनवाइट्स के लिए मुसीबतों के साथ हो रही है। पहले दिन जहां बसों की हड़ताल ने उन्हें परेशान किया, तो दूसरे दिन पेट्रोल-डीजल खत्म होने की अफवाह के चलते पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के मुताबिक, तेल टैंकरों के न आने से सप्लाई बाधित हो गई है। जितना भी स्टॉक था, सब खत्म होने को है। मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह तक सभी पेट्रोल पंपों के ड्राई होने का अनुमान है।

लग गईं लंबी-लंबी कतारें

राजधानी में करीब 170 से अधिक पेट्रोल पंप हैं, जहां रोजाना छोटे-बड़े पंपों में 3 से 12 हजार लीटर तक ईंधन की बिक्री होती है, यानि राजधानी में रोजाना करीब 5 लाख लीटर से अधिक ईंधन की बिक्री होती है। राजधानी में मंगलवार की सुबह लोगों को पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म होने की सूचना मिली। यह खबर उड़ते ही हर कोई अपनी-अपनी गाड़ियों में तेल भरवाने के लिए दौड़ पड़ा। कई पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म होने से सन्नाटा रहा, तो कई जगहों पर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।

घंटों लाइन में लगे रहे

राजधानी के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ लगातार बढ़ने लगी। आलमबाग, कैंट, चौक, हजरतगंज, भूतनाथ, आशियाना, अलीगंज, गोमती नगर आदि जगहों के पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी लाइन दिख रही थी। लाइन इस कदर लगी हुई थी कि कई जगहों पर सड़कों तक पर जाम लग गया। जिसकी वजह से गाड़ी सवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, तेल खत्म होने की सूचना मिलने पर हर गाड़ी सवार अधिक से अधिक तेल भरवाने के लिए लाइन में लगा हुआ था। भीड़ का आलम यह था कि लोगों को आधे से एक घंटे तक अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान कई पेट्रोल पंपों पर अराजकता भी फैल गई। लोग पहले तेल डलवाने के लिए आपस में ही भिड़ गये, जिससे काफी परेशानी होने लगी। किसी तरह पंप कर्मचारियों द्वारा लोगों को समझाकर शांत कराया गया।

तेल पर लगा दी लिमिट

पेट्रोल-डीजल की कमी की सूचना के बाद पंपों पर हर कोई तेल भरवाने पहुंच गया। पहले तो पंप ओनर्स लोगों की डिमांड के अनुसार तेल भर रहे थे। पर कई पेट्रोल पंपों द्वारा तेल देने पर लिमिट भी लगा दी गई। बाइक में 100 रुपये से अधिक का तेल नहीं डाला जा रहा था, तो कारों के लिए भी लिमिट सेट कर दी गई। ऐसे में वाहन स्वामी काफी परेशान हुए। लोग दूर-दराज तक तेल भरवाने की तलाश में निकल गये, ताकि आसानी से तेल भरवा सकें।

सप्लाई हुई बाधित

लखनऊ पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के महासचिव आलोक त्रिवेदी ने बताया कि आईओसी और एचपीसीएल द्वारा तेल की सप्लाई की गई, पर हड़ताल के चलते वे कहीं पहुंच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि ड्राइवर डरे हुए हैं। राजधानी के अमौसी डिपो से लखनऊ, गोंडा, उन्नाव, हरदोई व लखीमपुर समेत 8 जिलों में सप्लाई की जाती है। बीते दो दिनों से सप्लाई बाधित है। ऐसे में इन जिलों में तेल की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है।

सुबह ड्राई हो जाएंगे सभी पंप

महासचिव आलोक त्रिवेदी के मुताबिक, अगर तेल आपूर्ति ऐसे ही बाधित रही तो बुरा असर देखने को मिलेगा। पंपों के पास जो अपना स्टॉक है वह लगभग खत्म हो चुका है। ऐसे में मंगलवार देर रात या फिर बुधवार तड़के तक सभी पेट्रोल पंपों के ड्राई होने की पूरी संभावना है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।

बोले जिम्मेदार

हड़ताल के चलते पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बाधित हुई है। बुधवार सुबह तक सभी पंप ड्राई हो सकते हैं। ऐसे में समस्या और बढ़ सकती है।

-आलोक त्रिवेदी, महासचिव, लखनऊ पेट्रोल डीलर एसोसिएशन

बोली जनता

मेरी गाड़ी में तेल खत्म हो चुका है। यहां आया तो पता चला कि पेट्रोल पंप पर भी पेट्रोल खत्म हो चुका है। हड़ताल के चलते समस्या है। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे कैसे जाऊं।

-विजय

हड़ताल और पेट्रोल पंपों में तेल खत्म होने की सूचना मिली तो अपनी गाड़ी में तेल भरवाने आ गया। पर यहां तो तेल ही खत्म हो गया है, बहुत परेशानी हो रही है।

-मो। अनीस

पेट्रोल भरवाने आई थी, लेकिन बताया कि तेल खत्म हो चुका है। पता नहीं हड़ताल कब खत्म होगी। सरकार को कुछ करना चाहिए।

-मधु निशांत

दोस्तों ने बताया कि हर जगह तेल खत्म हो रहा है, इसलिए तेल भरवाने आया हूं। पर यहां बहुत भीड़ है, बस किसी तरह तेल मिल जाये।

-अजय

महंगी बिकने लगी सब्जी

हड़ताल का असर अब खाद्य पदार्थों पर दिखने लगा है। मंगलवार को सब्जी के दामों में पांच से छह रुपये का उछाल देखने को मिली। आलू से लेकर प्याज, टमाटर, सोया मेथी, पालक, शिमला मर्च के दाम बढ़ गए। अगर हड़ताल समाप्त नहीं होती है तो साफ है कि बुधवार से सब्जी और फलों के दामों में और भी ज्यादा उछाल देखने को मिलेगी।

छा गया सन्नाटा

अमूमन मंडियों में दोपहर तक भारी भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन मंगलवार को दोपहर 12 बजे के बाद से ही मंडियों में सन्नाटा छाने लगा। इसकी एक वजह यह भी रही कि ई-रिक्शा वाले सवारी ढोने में लग गए, जबकि हड़ताल से पहले ज्यादातर ई-रिक्शा वाले सब्जी या फल का परिवहन करते थे। इनके माध्यम से फुटकर दुकानों तक सब्जी और फल पहुंचते थे।

कहीं दवा-दूध तक महंगा न कर दे हड़ताल

कॉमर्शियल ट्रांसपोर्ट वाहनों की हड़ताल अब जनता पर आफत बनकर बरस रही है। हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को भी राजधानी में बसों से लेकर ट्रकों तक के पहिए थमे रहे। लोग अपने गंतव्य को जाने के लिए परेशान रहे। वहीं, ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते बीते दो दिनों में राजधानी में करीब दो अरब रुपये से अधिक का व्यापार प्रभावित हो चुका है, जिसने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। कई एसोसिएशंस ने हड़ताल टालने की भी अपील की है, पर इसके बावजूद कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

दो अरब से अधिक का व्यापार प्रभावित

ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल से व्यापार पर विपरीत असर पड़ रहा है। लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव पंकज शुक्ला ने बताया कि जो हिट एंड रन कानून आ रहा है, उससे हर ड्राइवर बेहद डरा हुआ है। जिसकी वजह से वे हड़ताल करने को मजबूर हैं। राजधानी में ट्रक, बस, डाला, टैंपो-टैक्सी आदि मिलाकर करीब 70 हजार से अधिक कॉमर्शियल वाहन हैं, जिनके पहिए थमे हुए हैं। बीते दो दिनों में करीब दो अरब रुपये से अधिक का व्यापार प्रभावित हो चुका है। व्यापारी बिल बना रहे हैं, लेकिन सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।

दवा से लेकर दूध तक पर पड़ेगा असर

राजधानी से कई जिलों में दवा सबसे ज्यादा सप्लाई की जाती है। हड़ताल की वजह से करीब 80-90 फीसदी तक दवा सप्लाई प्रभावित हो चुकी है। ऐसे में राजधानी समेत अन्य जिलों में दवाओं का संकट गहरा सकता है। जिससे मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती है। इसके अलावा, राजधानी से दूध, खाद्य पदार्थ, दाल-दलहन, तिलहन, इलेक्ट्रिानिक सामान आदि की भी सप्लाई की जाती है, जो पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है। ऐसे में, अगर हड़ताल खत्म नहीं होती है तो आने वाले समय में इनकी कमी से बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

सिटी बसों का संचालन प्रभावित

हड़ताल के दूसरे दिन भी राजधानी में सिटी बसों का संचालन प्रभावित रहा। इसके अलावा निगम की बसों का संचालन भी बिगड़ गया। वहीं, ठंड के चलते यात्रियों की समस्या और बढ़ गई। लोग अपने गंतव्य को जाने के लिए इधर-उधर भटकते हुए नजर आये। मंगलवार को करीब 41 फीसदी बसों का ही संचालन हो सका। ऐसे में विभाग को राजस्व का भी भारी नुकसान हुआ।

आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा बैठक में जो भी निर्णय लिया जायेगा, उसके परिणामस्वरूप देश के समस्त स्थानों पर पालन किया जायेगा।

-पंकज शुक्ला, महामंत्री, लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

समस्त चालकों-परिचालकों से अपील है कि नियम लागू होने से पूर्व हड़ताल करना उचित प्रतीत नहीं होता है, इसलिए वर्तमान हड़ताल को स्थगित कर संचालन करने का कष्ट करें। यदि इसके बावजूद भी यह कानून लागू होता है तो हम सब एक जुटता के साथ आंदोलन करेंगे।

-तेज बहादुर शर्मा, महामंत्री, यूपी रोडवेज एम्प्लाइज यूनियन