लखनऊ (ब्यूरो)। जो भी प्रत्याशी मैदान में उतरे, उसके पास अपना विकास का एजेंडा होना चाहिए। चुनाव के दौरान वो जो भी वादे जनता से करे, उसे हर हाल में पूरा करे। इसके साथ ही प्रत्याशी की ओर से महिला और सीनियर सिटीजंस की सुरक्षा पर भी फोकस करना होगा। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए भी उसके पास अपना एजेंडा होना चाहिए। प्रत्याशी की सोच समाज और देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने से जुड़ी हुई हो। ये बातें लोगों ने दैनिग जागरण राजनीटी परिचर्चा में कहीं।
यहां हुई परिचर्चा
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से रविवार को फैजुल्लागंज के केशवनगर मोहल्ले में राजनीटी परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में शामिल लोगों ने देश और समाज के विकास से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार खुलकर रखे। हर किसी का यही कहना था कि विकास के लिए सुनियोजित प्लानिंग जरूरी है, इस बात का ध्यान सभी प्रत्याशियों को रखना होगा।
महिला सुरक्षा
परिचर्चा में शामिल लोगों ने कहा कि महिला सुरक्षा पर विशेष फोकस किए जाने की जरूरत है। महिलाएं जब खुद को सेफ महसूस करेंगी तभी देश और समाज के विकास की परिकल्पना की जा सकती है। सरकार कोई भी आए, हर किसी को महिला सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर विशेष प्लानिंग करनी होगी और वो प्लानिंग इंप्लीमेंट भी की जानी चाहिए। बाजारों से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर काम किए जाने की जरूरत है।
सीनियर सिटीजन को मिले सुविधाएं
परिचर्चा में शामिल लोगों का यह भी कहना था कि सीनियर सिटीजंस को बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए भी हर स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। अगर कोई सीनियर सिटीजन घर में अकेला है तो ऐसी व्यवस्था बननी चाहिए, जिससे उनका ख्याल रखा जा सके। इसके साथ ही अगर उन्हें बिजली का बिल भरना है या हाउस टैक्स जमा करना है या मेडिकल से रिलेटेड कोई जरूरत है तो उन्हें इधर-उधर न जाना पड़े बल्कि घर बैठे ही सारी सुविधाएं मिल सकें।
रोजगार पर फोकस
लोकसभा चुनावी मैदान में किसी भी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में आए, लेकिन उसके पास रोजगार के अवसर सामने लाने संबंधी एजेंडा जरूर होना चाहिए। अगर युवाओं के पास रोजगार नहीं होगा तो साफ है कि वो गलत काम करेंगे। ऐसे में, सबसे पहले तो इस बिंदु पर भी फोकस होना चाहिए कि हर युवा के पास रोजगार हो, जिससे वह अपनी एनर्जी देश और समाज के विकास में लगा सके। रोजगार की दिशा में ठोस प्लानिंग किए जाने की जरूरत है।
ट्रैफिक प्रॉब्लम
इस समय सबसे बड़ी प्रॉब्लम ट्रैफिक की है। कोई ऐसा दिन नहीं जाता है, जब लोगों को ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़ता हो। सबसे पहले तो इस समस्या से पब्लिक को राहत दिलाने के लिए प्रॉपर कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस बार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा, जिससे जो भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में आए, उसके पास इस समस्या को दूर करने के लिए ठोस रणनीति हो। अगर ट्रैफिक की समस्या से राहत मिल जाती है तो साफ है कि प्रत्याशी की छवि और बेहतर होगी।
मेडिकल व्यवस्था हो बेहतर
परिचर्चा में शामिल ज्यादातर लोगों ने माना कि लोकसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशी मेडिकल सिस्टम को बेहतर बनाने पर विशेष फोकस करें। हर चुनाव से पहले इस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए दावे तो किए जाते हैैं, लेकिन गुजरते वक्त के साथ स्थिति बद से बदतर हो जाती है और अस्पतालों में लोग इलाज के लिए धक्के खाते हैैं।
क्या बोले लोग
सबसे पहले तो महिला सुरक्षा पर फोकस किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर ठोस प्लानिंग किए जाने की जरूरत है।
ममता त्रिपाठी
सीनियर सिटीजंस को बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए भी हर स्तर पर कवायद की जानी चाहिए।
अरविंद कुमार शुक्ला
रोजगार के अवसर हर एक युवा को मिलें, इसके लिए भी ठोस रणनीति बनाए जाने की जरूरत है।
केबी त्रिपाठी
विकास से जुड़ी जो भी प्लानिंग बनाई जाए, उसे हर हाल में इंप्लीमेंट किया जाए। जिससे सुनियोजित तरीके से विकास हो सके।
बलराम सक्सेना
मेरा यही मानना है कि युवाओं के लिए रोजगार बेहद जरूरी है। इस दिशा में हर एक प्रत्याशी को प्रयास करना होगा।
महेश पांडे
ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए ठोस रणनीति बनाए जाने की जरूरत है। इस दिशा में भी प्रत्याशियों को सोचना होगा।
रघुवीर सिंह
एजुकेशन समेत कई सेक्टर्स में लगातार काम किए जा रहे हैैं। प्रयास यही किया जाना चाहिए कि भविष्य में भी इसी तरह कदम उठाए जाएं।
राकेश पांडे
हर बच्चे को शिक्षा मिले, इसके लिए एजुकेशन सेक्टर को और मजबूत बनाए जाने की जरूरत है। फ्री एजुकेशन सिस्टम पर फोकस करना होगा।
शैलेंद्र कुमार अवस्थी
मेडिकल सिस्टम को और बेहतर बनाए जाने की जरूरत है। प्रयास यही किए जाएं कि अस्पतालों में लोगों को इलाज के लिए लाइन न लगानी पड़े।
सतेंद्र तिवारी
एजुकेशन, मेडिकल और डेवलपमेंट से जुड़े बिंदुओं पर काम करने वाले प्रत्याशी को ही चुनावी मैदान पर आना चाहिए।
सीएल शर्मा