Lucknow: ओलम्पिक गेम्स में जाने वाले खिलाडिय़ों के मेडल जीतने पर अदर स्टेट्स की सरकार ने करोड़ों रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। वहीं यूपी सरकार ने अपने खिलाडिय़ों के लिए अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। जबकि यह पहला मौका है कि यूपी के खिलाड़ी सिर्फ हॉकी टीम तक ही सीमित नही हैं। रेसलिंग, एथलेटिक्स और शूटिंग जैसे गेम्स में भी उन्होंने जगह बना ली है।
यूपी सरकार के खिलाडिय़ों पर ध्यान ना देने पर यहां के एक खिलाड़ी ने दूसरे स्टेट से खेलने का फैसला लिया है। खेलों के प्रति यहां की सरकार ही नहीं खेलों को प्रमोशन देने वाला खेल विभाग भी बेहद सुस्त है। भले ही ओलम्पिक में यूपी के खिलाड़ी मेडल ले आए हों लेकिन आज तक किसी खिलाड़ी को ओलम्पिक में मेडल लाने वाली प्राइजमनी नहीं मिली।
यूपी स्पोट्र्स डायरेक्ट्रेट की मानें तो पिछले तीन दशकों में यूपी का कोई खिलाड़ी मेडल नहीं लाया। उसके पहले खेल विभाग में ओलम्पिक में मेडल लाने पर प्राइजमनी दिए जाने की कोई योजना नहीं थी।
लंदन ओलम्पिक में यूपी के छह प्लेयर्स
लंदन में होने वाले ओलम्पिक गेम्स में हिस्सा लेने के लिए यूपी के छह खिलाडिय़ों ने क्वालीफाई किया है। ओलम्पिक गेम्स के दौरान ये खिलाड़ी वहां अपना जलवा बिखेरने के लिए दिन-रात कड़ी प्रैक्टिस में जुटे हुए हैं। ओलम्पिक में जाने वाले यूपी के दानिश मुज्तबा (हॉकी- इलाहाबाद), तुषार खांडेकर (हॉकी-झांसी), सुधा सिंह (एथलेटिक्स-रायबरेली), अनुराज सिंह (शूटिंग-अलीगढ़) और नरसिंह यादव (रेसलिंग-वाराणसी) शामिल हैं।
ओलम्पिक में यूपी में गोल्ड मेडल लाने पर तीस लाख रुपए की इनामी राशि रखी गई है। इनमें कई खिलाडिय़ों को अदर स्टेटस से खेलने का ऑफर है। लेकिन इन खिलाडिय़ों ने यूपी के लिए खेलने का डिसीजन लिया। नाम ना छापने की शर्त पर खिलाडिय़ों और खेल संघों से जुड़े लोगों ने बताया कि यहां पर प्राइजमनी दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत कम है। यहां की सरकार भी खेलों पर ध्यान नहीं दे रही है।
किसी को नहीं मिली प्राइजमनी
खेल विभाग की अधिकारियों की मानें तो आज तक ओलम्पिक के लिए किसी खिलाड़ी को यह प्राइजमनी नहीं मिली। यूपी स्पोट्र्स डायरेक्ट्रेट में प्राइजमनी के मामलों को देखने वाले आरएसओ डा। आरपी सिंह ने बताया कि पिछले 20 सालों से मेरे सामने किसी को भी ओलम्पिक की प्राइजमनी नहीं मिली है। पहले यह धनराशि बहुत कम थी लेकिन समय-समय पर इसमें इजाफा किया गया है। वहीं यूपी स्पोट्र्स डायरेक्ट्रेट के डायरेक्टर शहाबुद्दीन मोहम्मद ने बताया कि मेडल लाने पर खिलाडिय़ों को निश्चित रूप से सम्मानित किया जाएगा। मेडल लाने पर प्राइज की कमी नहीं होगी।
ओलम्पिक में मेडल लाने वालों के लिए यूपी स्पोट्र्स डायरेक्ट्रेट की निर्धारित प्राइजमनी
इंडीविजुअल गेम्स:
गोल्ड मेडल- 30 लाख
सिल्वर मेडल-20 लाख
ब्रांज मेडल-10 लाख
टीम गेम्स:
गोल्ड लाने पर हर खिलाड़ी को 15 लाख
सिल्वर लाने पर हर खिलाड़ी को 12 लाख
ब्रंाज लाने पर हर खिलाड़ी को 10 लाख
अदर स्टेट की ओर जा रहे प्लेयर्स
मेरठ (यूपी) की जूडोका गरिमा चौधरी ने ओलम्पिक में जगह बना ली है। लेकिन उन्होंने हरियाणा से खेलने का निर्णय लिया है। गरिमा चौधरी के अनुसार यूपी से उन्हें कुछ भी नहीं मिला। जबकि आज तक वह यूपी से खेलीं। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार अपनी उपलब्धियों को लेकर खेल मिनिस्ट्री से मिलने की कोशिश की लेकिन लोगों ने उन्हें अनदेखा कर दिया।
एक अच्छी जॉब के लिए भी उन्हें लंबा इंतजार ही मिला। जबकि हरियाणा सरकार ने ओलम्पिक से गोल्ड लाने वालों के दो करोड़ की ईनामी राशि घोषित की है। सिर्फ इतना ही नहीं वहां पर उन्हें जॉब के लिए भी ऑफर मिले हैं। यूपी जूडो एसोसिएशन के सचिव मुनव्वर अंजार ने कहा कि गरिमा के जाने से प्रदेश ने एक अच्छा खिलाड़ी खो दिया है।
गोल्ड जीतने पर पांच हजार
वाराणसी के मो। शाहिद ने बताया कि उन्होंने तीन ओलम्पिक खेले हैं। वे 1980 में ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाली इंडिया हॉकी टीम के मेम्बर थे। इस ओलम्पिक में इंडिया ने गोल्ड मेडल जीता था। उस समय मौजूदा चीफ मिनिस्टर ने उन्हें पांच हजार रुपए की धनराशि दी थी। इतना ही नहीं उस समय मैं यूपी हॉस्टल का प्लेयर था।
इसके बाद उन्होंने 1984 और 1988 में भी ओलम्पिक में पार्टीसिपेट किया था। लखनऊ में रहने वाली रवीन्द्र पॉल भी 1980 और 1984 में हुए ओलम्पिक में इंडिया हॉकी टीम के मेम्बर थे। उन्होंने बताया कि तब खेलों पर किसी का इतना ध्यान ही नहीं था। अब तो खिलाडिय़ों को बहुत कुछ मिल जाता है।
"यूपी में प्लेयर्स को इतनी सुविधा नहीं मिलती है जितनी अदर स्टेट्स में। खेल विभाग भी जो धनराशि देता है, वह अदर स्टेट की तुलना में कम है। यूपी सरकार को भी अन्य राज्यों की तरह यहां से जाने वाले खिलाडिय़ों के लिए ईनामी राशि की घोषणा करनी चाहिए। "
सै। अली, ओलम्पियन
"यूपी में खिलाडिय़ों की सुविधाओं का कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। कई प्रदेशों में खिलाडिय़ों को मेडल लाने पर जमीन खरीदने में छूट से लेकर करोड़ रुपए तक की इनामी राशि दी जाती है। इस बार ही हरियाणा और मध्य प्रदेश ने ओलम्पिक से मेडल जीत कर लाने वालों के लिए करोड़ों की धनराशि की घोषणा कर दी है। "
रजनीश मिश्रा,
इंडिया हॉकी टीम के पूर्व कप्तान
"यूपी के लिए यह गौरव की बात है कि पहली बार विभिन्न खेलों में एक साथ इतने खिलाड़ी पार्टीसिपेट कर रहे हैं। इसके पहले सिर्फ हॉकी में ही यूपी के खिलाडिय़ों की दखल रही है। ऐसे में यूपी सरकार को यहां के खिलाडिय़ों के मनोबल को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की तरह इनामी राशि बढ़ाने के साथ अपनी ओर से भी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा करनी चाहिए."
आनन्देश्वर पाण्डेय, सचिव
यूपी ओलम्पिक एसोसिएशन