- चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े व आम लोगों के लिए शुरू हुई सीपीआर ट्रेनिंग
LUCKNOW:
अगर कोई अचानक बेहोश हो जाए या कार्डियक अरेस्ट हो जाए तो ऐसी स्थिति में अगर उसे सीपीआर दिया जाए तो उस इंसान के बचने की संभावना 60-70 फीसद तक बढ़ जाती है। जबकि हर साल अस्पतालों के बाहर ही करीब 4 लाख लोगों की मौत कार्डियक अरेस्ट से हो जाती है। लोगों को इसी के प्रति अवेयर करने के लिए केजीएमयू द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा है।
दी जा रही ट्रेनिंग
नोडल इंचार्ज प्रो। रजनी गुप्ता ने बताया कि वीसी ले.ज। डॉ। बिपिन पुरी के निर्देशन में बेसिक लाइफ सपोर्ट के तहत कैसे सीपीआर दें, ब्रीथिंग कैसे दें, मरीज को चेक कैसे करें आदि के बार में सिखाया जाता है। इसके अलावा एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट के अनुसार एएसएल एंबुलेंस के ईएनटी को ट्रेनिंग देने के साथ क्या दवा देना, सीपीआर देना और मरीज को कैसे सर्वाइव किया जाये इसके बारे में सिखाया जा रहा है। रविवार को ट्रेनिंग दी जा रही है। अब तक 200 से अधिक लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
बच्चों में पहचाने कार्डियक अरेस्ट
बच्चों में कार्डियक अरेस्ट की आशंका कम होती है। अगर बच्चा शिथिल हो गया है, बर्ताव में अंतर आ गया है, सुस्त है, सांस की गति धीमी हो गई हो तो उसे हलका सीपीआर दिया जा सकता है। इसके लिए बच्चों में सीपीआर देने के लिए एक हाथ की हथेली से पांच सेमी दबाना है। जबकि नवजात बच्चों के लिए दो अंगुली से दबाना है।
अगर गले में कुछ फंस जाए
किसी के गले में कुछ फंस जाए तो उसे हैमलिक द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसके लिए पीछे से उसे पकड़ते हुए छाती के नीचे जहां हड्डी खत्म होती है वहां पर अंगूठा लगाकर दोनों हाथों से झटका देना है, ताकि गले में जो फंसा है वो निकल जाए। अगर इसके बाद भी नहीं निकलता है और सांस लेने में समस्या हो तो सीपीआर कैसे करनी चाहिए, इसकी जानकारी लें।
ऐसे करें बचाव
- लाइफ स्टाइल में चेंज लाएं
- स्मोकिंग न करें
- हेल्दी डायट लें
- टहलना व योगा करें
- दवा समय पर लें
अगर समय पर सीपीआर दी जाए तो मरीज की जान बचने की संभावना 60-70 फीसद तक बढ़ जाती है। इसलिए बेसिक लाइफ सपोर्ट सभी को सीखना चाहिए।
प्रो। रजनी गुप्ता, केजीएमयू