लखनऊ (ब्यूरो)। युवाओं में इंजीनियरिंग को लेकर खासा क्रेज है। यह ऐसा करियर विकल्प है जहां हर साल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले जहां किताबों की भाषा सीखकर लोग इंजीनियरिंग फील्ड में जॉब करते थे, वहीं मौजूदा वक्त में इंजीनियरिंग का स्वरूप बिल्कुल बदल चुका है। अब पढ़ाई के दौरान नए-नए इनोवेशन कोर्स का हिस्सा हैं। आज के युवा इंजीनियर क्रिएटिविटी का असली मतलब समझकर अपने इनोवेशन से लोगों की जिंदगियों को आसान करने का काम कर रहे हैं। राजधानी में भी ऐसे कई युवा इंजीनियर मौजूद हैं
पूजा सामग्री को घर-घर पहुंचा रहे
एकेटीयू के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के लास्ट ईयर के स्टूडेंट मामेंद्र गुप्ता इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी ब्रांच से जुड़े हैं। मामेंद्र ने एक ऐसी वेबसाइट डिवेलप की है, जो डोर टू डोर पूजा सामग्री डिलिवर करती है। वह एकेटीयू के इंक्यूबेशन सेंटर से जुड़े हैं। मामेंद्र बताते हैं कि अमूमन पूजा सामग्री खरीदने के लिए लोग ऑफलाइन मोड पर ज्यादा भरोसा करते हैं। इसके दौरान उनका करीब 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है। ऐसे में हमने एक ऐसी वेबसाइट डिवेलप की है जो सिर्फ पूजन सामग्री पर काम करती है। इसके अलावा हम पूजा का कंटेंट भी लोगों को प्रोवाइड कर रहे हैं, जिससे उन्हें पता हो कि पूजा कैसे की जाए। इस सुविधा को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं।
नॉलेज बेस मीडिया बनाने की तैयारी
आईईटी के स्टूडेंट अंकित कुमार द्विवेदी इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के स्टूडेंट हैं। वह आईईटी के इंक्यूबेशन सेंटर से जुड़े हैं। वह सोशल मीडिया के स्थान पर एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं, जो नॉलेज कंटेंट प्रोवाइड करे। अंकित का कहना है कि हमारा ऐसा मीडियम होगा कि कोई भी एजुकेशनल कंटेंट उसमें दे सकता है, जो वेरीफाई भी होगा। इसके अलावा हम विशेष ब्रांचेस पर फोकस करते हुए कम्युनिकेट करने का प्लेटफॉर्म भी प्रोवाइड कराएंगे और उस ब्रांच से रिलेटेड रोजगार की डिटेल, एक्सपर्ट से बातचीत का भी विकल्प देंगे। इस स्टार्टअप की ग्रांट के लिए हमने अप्लाई किया है। अभी प्रोटोटाइप पर काम चल रहा है।
कटिंग फ्लूइड ऑप्टिमाइजर डिवाइस
डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के इनोवेशन हब के हेड डॉ। महीप सिंह कई इनोवेशन के जरिए लोगों की जिंदगी आसान बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने पर्यावरण को बचाने का काम भी किया है। कटिंग फ्लूइड ऑप्टिमाइजर डिवाइस के जरिए नदियों का प्रदूषण रोका जाएगा। वह बताते हैं कि यह डिवाइस कटिंग या ड्रिलिंग मशीन के तापमान को रिकार्ड करती है। जितना तापमान होता है उसी अनुसार सिंथेटिक केमिकल की सप्लाई होती है। इससे उद्योगों से निकलने वाला केमिकल नदियों का पॉल्यूशन रोक देगा।
आधार कार्ड जल्दी पहुंचाने का काम
एमिटी यूनिवर्सिटी के वैभव शिखर सिंह ने आधार कार्ड एंरोलमेंट एंड अपडेट कियॉस्क मॉडल बनाया। उन्होंने बताया कि आधार बनवाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐेसे में हमने यह कियॉस्क तैयार किया है। इसे कहीं पर भी इंस्टॉल कर सकते हैं। यह ऑडियो विजुअल असिस्टेंस पर काम करेगा। फिलहाल यह तीन लैंग्वेज में काम करेगा।