लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी से आस-पास के जिलों के साथ-साथ कई प्रदेशों के लिए डग्गामार बसें बेखौफ फर्राटा भर रही हैं। गुरुवार को उन्होंने हाईवे पर खड़ी डेढ़ दर्जन बसों को देख कर अधिकारियों के साथ रोड पर उतरकर चेकिंग शुरू की। जांच में पाया गया कि ज्यादातर बसें नियम विरुद्ध चल रही हैं, जिन्हें मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने सीज भी किया। डग्गामारों का नेक्सेस सालों पुराना है, जिसे परिवहन विभाग ही नहीं आरटीओ और पुलिस तक नहीं तोड़ पा रही है। हालांकि, दबाव बढ़ने पर डग्गामार बसों के स्टॉप जरूर बदल जाते हैं।
मंत्री को दिखीं, अफसरों को नहीं
हैरत की बात यह है कि परिवहन मंत्री को डग्गामार बसें नजर आ रही हैं, लेकिन उनके विभाग के जिम्मेदार अफसरों को इनकी खोज खबर तक नहीं मिलती। उन्नाव हादसे के बाद परिवहन मंत्री ने खुद सड़क पर उतर कर हाईवे पर खड़ीं एक दर्जन से ज्यादा डग्गामार बसों को पकड़ा। मंत्री को चेकिंग करते देख अफसर भी मौके पर पहुंचे और डग्गामार बसों के खिलाफ कार्रवाई की।
दबाव बढ़ने पर बदल जाते हैं बस अड्डे
उन्नाव कांड पहली घटना नहीं है, इससे पहले उन्नाव बाराबंकी, कानपुर देहात, आगरा एक्सप्रेस वे समेत कई जगहों पर डग्गामार बसों के बड़े हादसे में कई जान जा चुकी है। हादसे के बाद कुछ दिन अफसरों व पुलिस पर कार्रवाई का दबाव पड़ता है तो डग्गामार बसों के अड्डे जरूर बदल जाते हैं। ये बस स्टॉप पुराने स्टॉप से एक किमी की सराउंडिंग एरिया में मेन रोड, गली और हाईवे के किनारे व सर्विस रोड पर होते हैं।
पूर्वांचल रूट पर डग्गामार बसों के पुराने अड्डे
-पॉलीटेक्निक चौराहा
-वेव मॉल के पीछे
-पॉलीटेक्निक से मुंशी पुलिया सर्विस रोड
-पॉलीटेक्निक ओवरब्रिज के नीचे कमता की तरफ जाने वाले रूट पर
पूर्वांचल रूट पर डग्गामार बसों के नए अड्डे
- कमता तिराहा, अवध बस डिपो के अपोजिट
- चिनहट मटियारी तिराहे के आगे हाईवे मेन रोड
- तिवारीपुर हाईवे मेन रोड
- बीबीडी देव स्थान
- इंदिरा नहर के आगे मेन रोड
टिकट तक नहीं मिलता
लंबे रूट पर ऑनलाइन बुकिंग की जाती है, लेकिन कम दूरी के रूट पर बिना टिकट सवारी भरकर लेकर जाते हैं। वहीं, रोडवेज बस में पैसेंजर्स को टिकट मिलता है उसके साथ हर पैसेंजर का बीमा भी शामिल रहता है।