लखनऊ (ब्यूरो)। बाबा साहब भीम राव आंबेडकर यूनिवर्सिटी-बीबीएयू की प्रोफेसर ने एक ऐसा हर्बल मिश्रण तैयार किया है, जो फलों को छह से आठ महीने तक सुरक्षित रखेगा। इस हर्बल मिश्रण को बीबीएयू के डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड न्यूट्रीशन डिपार्टमेंट की हेड ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में प्रोफेसर सुनीता मिश्रा को डेढ़ साल का समय लगा। प्रो। सुनीता को इस साल्वेंट के लिए अफ्रीका गणराज्य से पेटेंट मिला है।
कच्चे केले के छिलके से बना
प्रो। सुनीता ने बताया कि बाजार में बिकने वाले कई फलों पर वैक्स की परत लगाई जाती है। खाद्य इंडस्ट्री और वाइन इंडस्ट्री में भी खाद्य पदार्थों और फलों को सहेजने के लिए पेक्टिन का उपयोग किया जाता है। यह पेक्टिन केमिकल युक्त भी होता है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इन तमाम बातों को देखते हुए हमारा पेक्टिन साल्वेंट कच्चे केले के छिलके में पाए जाने वाले तत्वों से तैयार किया है। यह पूरी तरह हर्बल है और खाद्य पदार्थों के सेवन को हानिकारक नहीं बनाता।
एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर
प्रो। सुनीता के मुताबिक, इसे तैयार करने के लिए प्रतिक्रिया सतह पद्धति का उपयोग किया गया है। यह सॉल्वेंट केले के छिलके से निकाले गए पेक्टिन के चलते कम खर्च में आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटीआक्सीडेंट गुण हैं। हमारे अध्ययन में पेक्टिन के उपयोग ने चीज, कीवी, अमरूद, संतरा, अनानास, सेब, आम समेत कई खाद्य उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ायी है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में यह एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इस साल्वेंट की तकनीक को किसी खाद्य इंडस्ट्री को हस्तांतरित किया जाएगा ताकि उसके जरिए यह बाजार में उपलब्ध हो सके और लोगों को आसानी से मुहैया हो। प्रो। सुनीता के साथ इस अध्ययन में प्रो। गजानन पांडेय, शोधार्थी सृष्टि त्रिपाठी, मोनिका पटेल और एमए फिरदौस शामिल रहे।