लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में जल्द मरीजों को रजिस्ट्रेशन से लेकर जांच, भर्ती और अन्य मदों में अधिक खर्च करना पड़ सकता है, क्योंकि केजीएमयू प्रशासन ओपीडी रजिस्ट्रेशन फीस डबल करने के साथ-साथ पैथोलॉजी समेत इलाज के दूसरे मदों में 10 फीसदी तक इजाफा कर सकता है। इसके लिए केजीएमयू कार्यपरिषद में दरों में वृद्धि का मसौदा पेश किया जायेगा। इसपर मुहर लगते ही बढ़ोतरी कर दी जायेगी।
कार्यपरिषद में होगा फैसला
केजीएमयू में करीब 4,500 बेड हैं। और यहां पर रोजाना चार-पांच हजार मरीज दिखाने के लिए आते है। यहां की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए सरकार करोड़ों का बजट भी आवंटित करती है। यहां मरीजों की जांच से लेकर भर्ती तक की फीस ली जाती है, जिससे केजीएमयू को हर साल करोड़ों की आय होती है। पर अब यहां इलाज महंगा करने की तैयारी शुरू हो गई है। वीसी डॉ। बिपिन पुरी की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की बैठक 22 जुलाई को प्रस्तावित है। इसमें हॉस्पिटल एडवाइजरी बोर्ड द्वारा इलाज का शुल्क बढ़ाये जाने को जो सहमति प्रदान की थी, उसे कार्यपरिषद में बतौर एजेंडा शामिल किया गया है। जहां मसौदे पर अंतिम मुहर लगनी है। ऐसे में मरीजों के ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। खासतौर पर गरीब मरीजों को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी।
बढ़ जायेगा इलाज का खर्च
पूर्व में हॉस्पिटल बोर्ड की बैठक में अफसरों ने ओपीडी शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव रखा, जो अभी 50 रुपये है और छह माह के लिए मान्य है। जिसे छह माह बाद दोबारा रिन्यू कराना पड़ता है। पर अब रजिसट्रेशन शुल्क को बढ़ाकर 100 रुपये किया जाना है। इसके अलावा प्राइवेट रूम का किराया भी बढ़ाने की तैयारी चल रही है। साथ ही पैथोलॉजी में होने वाली तमाम जांचों का शुल्क भी बढ़ाया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है। केवल कार्यपरिषद की मुहर लगनी बाकी है।
पहले टाल दिया था मामला
बोर्ड द्वारा तमाम मदों में शुल्क बढ़ाने की सहमति पहले ही दे दी थी। लेकिन, बीते दिनों हुई कार्यपरिषद की बैठक में इसे शामिल नहीं किया गया था। पर अब होने जा रही कार्यपरिषद की बैठक में इसे शामिल कर लिया गया है। ऐसे में, मरीजों के ऊपर बोझ बढऩा लगभग तय माना जा रहा है।