लखनऊ (ब्यूरो)। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। श्री गणेश चतुर्थी इस बार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि 2:05 तक है। साथ ही शनिवार का दिन, चित्रा नक्षत्र 10:43 तक है। आज के दिन ब्रह्म योग मिल रहा है। जो अत्यंत शुभप्रद है। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 8:42 से 10:58 और इसके बाद 12:33 से 2:05 तक है।

इस तरह करें गणपति की स्थापना

श्रीगणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की घरों में स्थापना की जाती है। ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय ने बताया कि घर के ईशान कोण में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में रखी सभी गणेशजी की तस्वीरें पूर्व-उत्तर दिशा में होनी चाहिए। श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहते हैं। वह अपने भक्तों के सभी दुखों और कष्टों को हर लेते हैं। सर्व प्रथम गणेश जी की मूर्ति को किसी चौकी पर पीला आसान बिछा कर उस पर स्थापन करें। इसके बाद सबसे पहले विघ्नहर्ता गणेश जी का ध्यान कर षोडशोपचार पूजन करें। जिसमें जल, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, पुष्प, माला, सिंदूर, रोली, अबीर, हल्दी, गुलाल, अभ्रक, दूर्बा, वेलपत्र, धूप व दीप आदि के बाद लड्डू का भोग लगाकर घी की आरती करें। इसके बाद प्रसाद को अपनों में वितरित करें।

मिलेगा विशेष लाभ

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से श्रीगणेश स्त्रोत का पाठ व गणेश सहस्त्रार्चन करना चाहिए। इसके साथ भगवान की स्तुति करते हुए प्रार्थना करना चाहिए। जिससे समस्त विघ्नों को दूर करते हुए आपके समस्त मनोरथ को पूर्ण होंगे। इसलिए पूरे मनोयोग के साथ भगवान गणेश की पूजा और आराधना करना चाहिए।

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8-18 सितंबर तक धूमधाम से मनाया जाएगा पर्युषण पर्व

शाश्वत पर्व पर्युषण पर्व इस बार 8-18 सितंबर तक लखनऊ के सभी जैन मंदिरों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार लखनऊ जैन समाज के लिए यह पर्व बड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि जैन गुरु सुप्रभ सागर महाराज एवं प्रणत सागर महाराज के सानिध्य में काकोरी में स्थित जैन समाज का तीर्थ स्थल पारसधाम में 10 दिनों में एक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस पर्व के आने से पूर्व सभी मंदिरों में साफ सफाई, मूर्तियों की सफाई एवं सभी शास्त्रों की देखरेख करी जाती है। लखनऊ के 12 जैन मंदिरों में इस बार सभी दिनों में विशेष पूजा अर्चना भी होगी।