लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत प्रदेश के कई शहरों में लोगों को 60 हजार करोड़ का चूना लगाने वाला महाठग का उसका एक गुर्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अलीगंज पुलिस ने गोमतीनगर थाने से 50 हजार के इनामी ज्ञान प्रकाश उपाध्याय को रविवार को अलीगंज इलाके के रविंद्र गार्डन कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। वह शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा। लि। कंपनी का प्रेसिडेंट है। उसने कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम के साथ मिलकर जमीन व क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने के नाम पर लोगों से करीब 60 हजार करोड़ रुपये हड़प लिए थे। आरोपी के खिलाफ लखनऊ में 19 मामले दर्ज हैं।
50 हजार का इनामी छिपकर रह रहा था
डीसीपी उत्तरी अभिजीत आर शंकर के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी अयोध्या के पूरा कलंदर का रहने वाला ज्ञान प्रकाश उपाध्याय है। वह शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा। लि। कंपनी का प्रेसिडेंट है। ज्ञान के खिलाफ गोमतीनगर थाने में ठगी के मामले दर्ज हैं। कमिश्नरेट पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। वह अलीगंज के रविंद्र गार्डन कॉलोनी के पास छिपकर रहता था।
लोगों के सपनों को लूटते थे
पूछताछ में ज्ञान ने बताया कि 2013 में प्रयागराज के करेली निवासी राशिद नसीम व उसके भाई आसिफ नसीम के साथ मिलकर शाइन सिटी इंफ्रा नाम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद लोगों को किस्तों पर सस्ती जमीन देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये निवेश कराए। हजारों निवेशकों के रुपये हड़पने के बाद कंपनी के ऑफिस पर ताला बंद कर दिया। सभी फरार हो गए। इसके अलावा कंपनी के उच्चाधिकारियों ने क्रिप्टो करेंसी और पोंजी स्कीम भी चलाई, जिसमें हजारों लोगों ने मुनाफे के लिए निवेश किया। सभी के रुपये हड़पकर फरार हो गए।
कई जिलों में खोले थे ऑफिस
डीसीपी उत्तरी के मुताबिक, शाइन सिटी का प्रदेश के कई जिलों में कार्यालय खोला गया था। इसमें लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, मेरठ, गोरखपुर, अयोध्या प्रमुख रूप से शामिल हैं। लोगों को ठगने के लिए सीएमडी राशिद नसीम, उसका भाई एमडी आसिफ नसीम और ज्ञान प्रकाश उपाध्याय जैसे दर्जनों लोगों ने मिलकर कई कंपनियां बनाईं। इसमें प्रमुख रूप से शाइन सिटी प्रोपटीज प्रा। लि., साइन सिटी इरेक्टर प्रा। लि., गाइन सिटी कोलोनाइजर्स प्रा। लि., शाइनसिटी डवलपर्स प्रा। लि। शामिल हैं। इन जालसाजों ने 32-33 कंपनियां आरओसी कानपुर में रजिस्टर्ड कराई थीं।
रकम दो से तीन गुना करने का देते थे लालच
पुलिस के मुताबिक, जालसाजों ने लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए कई योजनाएं चलाई। इसमें रेक्रिन डिपाजिट संबंधी योजनाएं शामिल हैं। इसमें लोगों को निवेश करने पर दो से तीन गुना मुनाफा देने का लालच देते थे। वहीं, आधे दामों पर लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध कराते थे। इसके लिए हॉट एंड डील स्कीम भी शुरू की थी। वहीं, कम दाम पर ज्वैलरी, गीट ज्वैलरी, बिट क्वाइन स्कीम भी लांच की थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने एक हजार 25 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेकर फरार हुए हैं।
550 एफआईआर, 62 हो चुके गिरफ्तार
एडीसीपी जेपी दुबे के मुताबिक, शाइन सिटी के खिलाफ करीब 550 मामले दर्ज किए गए हैं। लखनऊ पुलिस और ईओडब्ल्यू अब तक इस ठगी के मामले में सीएमडी राशिद नसीम के भाई एमडी आसिफ नसीम समेत 62 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। आरोपियों के पास से जगुआर, बीएमडब्लयू, फारच्युनर, इनोवा, क्रिस्टा जैसी लग्जरी गाड़ियांं भी बरामद की गईं।
खाड़ी देश में छिपा पांच लाख का इनामी सीएमडी
पुलिस के मुताबिक, कंपनी का सीएमडी राशिद नसीम 2017 में देश छोड़कर फरार हो गया था। उस पर प्रदेश सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम चार साल पहले घोषित किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सीएमडी राशिद नसीम ने किसी खाड़ी देश में ठिकाना बना लिया है। वहां पर उसने ज्वैलरी की कंपनी खोल रखी है। राशिद नसीम को नेपाल पुलिस ने 2020 में एक पब से पार्टी के दौरान पकड़ा था, लेकिन कुछ दिन बाद ही वह रिहा हो गया।