लखनऊ (ब्यूरो)। कस्टम अधिकारी बनकर करोड़ों की ठगी करने वाला शातिर जालसाज आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। सिक्किम निवासी ओथनेल राय को साइबर क्राइम सेल व मदेयगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने सिक्किम से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दिल्ली में रहकर एक होटल में काम करता था, जहां उसकी मुलाकात कुछ विदेशी नागरिकों से हो गई। वहां रहकर आरोपी ने विदेशी नागरिकों और अपने अन्य कुछ दोस्त संग मिलकर गैंग बनाई और लोगों को विदेश से गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगने लगा।

पोलैैंड से पार्सल आने का दिया झांसा

इंस्पेक्टर साइबर क्राइम सेल सतीश चंद्र साहू ने बताया कि त्रिवेणी नगर मदेयगंज निवासी नवीन सैमुअल सिंह एक यूट्यूबर हैं। वह धार्मिक कार्यक्रमों की वीडियो अपने चैनल पर अपलोड करते हैं। उन्होंने बताया था कि 4 अगस्त 2022 को उनके पास एक अंजान नंबर से कॉल आयी थी। कॉलर ने अपना परिचय कस्टम अधिकारी मिस्टर जॉन स्पेरंस के तौर पर दिया। जालसाज ने सैमुअल को बताया कि मुंबई एयरपोर्ट पर पोलैंड से एक पार्सल आया है। यह पार्सल पोलैंड से एक महिला ने भेजा है। पीडि़त ने पार्सल भेजने वाले से संपर्क किया तो उसने अपना परिचय डॉ। फेलिक्स वारसा निवासी पोलैंड बताया।

एक करोड़ रुपये का गिफ्ट देने का झांसा

पीडि़त का आरोप था कि वह उस महिला को नहीं जानता था। बावजूद इसके वह महिला गिफ्ट रिसीव करने का दबाव बनाने लगीं। आरोपी महिला ने कहा कि सैमुअल के यूट्यूब के माध्यम से प्रसारित धार्मिक कार्यक्रमों को सुनकर वह काफी प्रभावित है इसलिए उसने यह उपहार भेजा है। इसके बाद कस्टम अधिकारी मिस्टर जॉन स्पेरंस ने पीडि़त को बताया कि महिला ने उपहार में लगभग 1 मिलियन पाउंड (करेंसी), गोल्ड समेत अन्य सामान भेजा है, जिसके लिए उन्हें कस्टम ड्यूटी के तौर 38 हजार रुपए खाते में जमा करने होंगे।

एक करोड़ 38 लाख रुपये खाते में जमा कराए

झांसे में आकर पीडि़त ने आरोपी द्वारा बताए गए विनोद थापा नाम के युवक के खाते में रुपए जमा कर दिए। आरोप है कि कुछ देर बाद उनके पास दोबारा कॉल आई। इस बार आरोपियों ने झांसे में लेकर विभिन्न प्रकार के फर्जी शुल्क जैसे गैरनिरीक्षण शुल्क, आयकर, एंटीमनी लांड्रिंग शुल्क, ओवरड्रान शुल्क, प्रसंस्करण शुल्क, विलंब शुल्क, रूपांतरण शुल्क आदि के नाम पर करीब 1 करोड़ 38 लाख अपने अलग-अलग बैंकों के खातों में डलवा लिया। ठगी का एहसास होने पर पीडि़त ने साइबर क्राइम सेल और मदेयगंज थाने में शिकायत दर्ज करायी थी।

पहले ही जेल जा चुका है मुख्य आरोपी

साइबर सेल प्रभारी का कहना है कि पूरी टीम मामले में जांच पड़ताल में लगी थी। जिस खाते में पैसे भेजे गए उसकी पूरी कुंडली निकाली। इस प्रकरण में टीम ने पूर्व में ही शातिर ठग विनोद थापा निवासी मंदिर वस्ती गिद्दा पहाड़ दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल को 21 मार्च वर्ष 2023 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

विदेशी नागरिकों के साथ मिलकर करते थे ठगी

गिरफ्तार आरोपी ओथनेल राय ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में मुनरिका के एक होटल में काम कर रहा था। वहां उसकी मुलाकात कई विदेशी नागरिकों से हुई जिनके साथ उसने व उसके अन्य साथियों ने मिलकर लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर विदेशी नागरिक बनकर महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देकर और कस्टम अधिकारी बनकर ठगी का शिकार बनाया।