- अब तक एसटीएफ ने डेढ़ दर्जन कॉल सेंटर पर कार्रवाई कर पकड़ी 65 करोड़ की ठगी
- इंश्योरेंस, टावर और जॉब के नाम पर ठगे जा रहे बेरोजगार
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LUCKNOW: प्रदेश में बड़े पैमाने पर फ्रॉड के काल सेंटर से बेरोजगारों को ठगी का कारोबार चल रहा है। इन कॉल सेंटर्स पर बेरोजगारों को ठगने के लिए पूरा सेटअप काम करता है। जहां नौकरी के नाम पर, इंश्योरेंस के नाम पर, मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर और इंश्योरेंस के बोनस के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। एसटीएफ पिछले छह माह में ही ऐसे डेढ़ दर्जन कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़ कर चार सौ से अधिक लोगों को अरेस्ट कर चुकी है और 65 करोड़ रुपये की ठगी का भंडाफोड़ किया था।
दर्ज होगी चार्जशीट
कार्रवाई में जो लड़के अरेस्ट हुए हैं उनमें कई पार्ट टाइम जॉब करके अपना खर्चा चलाने वाले हैं और कई स्टूडेंट भी हैं। साथ ही, ऐसे काल सेंटर पर जॉब करने वाली बड़ी संख्या में लड़कियां भी शामिल हैं। गुरुवार को एसटीएफ ने नोएडा में जिस काल सेंटर का भंडाफोड़ किया उनमें 120 में से 40 लड़कियां शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने सिर्फ आठ लड़कों और 3 लड़कियों को ही अरेस्ट किया बाकी को मुचलके पर छोड़ दिया है। लेकिन, चार्जशीट इन सभी लड़कियों के खिलाफ फाइल की जाएगी।
जगह-जगह फैलाया जाल
साइबर क्राइम या ठगी का शिकार बनने वालों की अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज थी। इनकी शिकायतें यूपी एसटीएफ कर रही थी। एसटीएफ ने जब कार्रवाई शुरू की तो एक के बाद एक मामले सामने आते गये। पहले दिल्ली के लक्ष्मीनगर में दो काल सेंटर पर रेड कर कई युवकों को अरेस्ट किया था। इसके बाद दिल्ली में कृष्णानगर और जनकपुरी में भी लोगों से फ्रॉड करने वाले दो-दो काल सेंटर पर छापा मारकर कई युवकों और युवतियों को अरेस्ट किया था साथ ही कॉल सेंटर को सीज किया था। अब तक एसटीएफ दिल्ली में छह, नोएडा में छह और लखनऊ में एक काल सेंटर को सीज कर बड़े पैमाने पर ठगी के कारोबार का भंडाफोड़ कर चुकी है।
बेरोजगारों पर निशाना
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक का कहना हैं कि बेरोजगार इनके सॉफ्ट टार्गेट होते हैं। साथ ही, अलग अलग तरह के आफर देकर यह लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। नौकरी और पैसे कमाने के शार्टकट के चक्कर में लोग जालसाजों की जाल में आसानी से फंस जाते हैं। इन काल सेंटर्स पर काम करने वाली लड़कियों की भूमिका भी कम नहीं होतीं। वह कस्टमर को फंसाने के लिए तरह तरह के हथकंडे भी अपनाती हैं। अमित पाठक का कहना है कि यहां काम करने वाले हर युवक और युवती का पता होता है कि वह क्राइम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें एकाउंट में पैसे जमा कराने का मोटा कमीशन मिलता है। युवकों से साफ साफ कहा जाता है कि कुछ भी करो एकाउंट में पैसे जमा कराओ और कमीशन ले जाओ। पैसे कमाने के शार्टकट के चक्कर में यह युवक फंस जाते हैं क्राइम करने लगते हैं।
साइबर क्राइम के लिए बनायी अलग टीम
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने लगभग साल भर पहले भरोसेमंद और साइबर क्राइम के तेज तर्रार पुलिस कर्मियों को एसटीएफ में बुलाया और साइबर क्राइम के मास्टर त्रिवेणी सिंह के अंडर में एक स्पेशल टीम बनायी जो ऐसे ही क्राइम पर काम करना शुरू किया। साल भर के अंदर फेक वेबसाइट, कॉल सेंटर के थ्रू फ्रॉड और एटीएम से ठगी करने वाले सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
खुलासे एक नजर में
-23 करोड़ की ठगी, 21 अरेस्ट
बरेली के प्रेम नगर में दर्ज फ्रॉड के एक मुकदमे की पड़ताल के दौरान जब एसटीएफ ने कॉल सेंटर पर छापा मारा तो वहां से 23 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ। इसमें 4560 लोगों को शिकार बनाया गया और 21 लोगों को अरेस्ट किया गया।
-16 करोड़ की ठगी, 59 अरेस्ट
चौक में दर्ज इंश्योरेंस के नाम पर ठगी के मुकदमे की जब एसटीएफ ने पड़ताल की तो पता चला कि कॉल सेंटर के नाम पर जालसाजी का बड़ा खुलासा हुआ। नोएडा के सेक्टर 20 स्थित काल सेंटर पर छापा मारकर 59 लोगों को अरेस्ट किया। इस काल सेंटर से पांच हजार से अधिक लोगों को शिकार बनाया गया।
-15 करोड़ की ठगी 83 अरेस्ट
नोएडा में छापा मार कर एसटीएफ ने 83 लोगों को अरेस्ट किया। यह काल सेंटर के थ्रू इंश्योरेंस, बोनस, टावर के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। एसटीएफ ने 250 फेक आईडी पर मोबाइल समेत काफी डाक्यूमेंट बरामद किये थे। इस कॉल सेंटर के थ्रू 3046 लोगों को शिकार बनाया गया था।