लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow Crime News : साउथ की मूवी मास्टर के कैरेक्टर भवानी को भला कौन भूल सकता है। कैसे वह बच्चा जुविनाइल डिटेंशन सेंटर से एक खतरनाक अपराधी की सोच लेकर बाहर आता है। ऐसा ही एक कैरेक्टर राजधानी के लिए भी लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ था। राजधानी में एक ऐसा गैैंग एक्टिव था, जो रिहाइशी इलाकों में रूम किराए पर लेकर चोरी की वारदात को अंजाम देता था।
कई जिलों में की वारदातें
गैैंग के मेंबर नाबालिग रहते ही एक-दूसरे से जुड़ गए थे। नाबालिगों का गैैंग बालिग होकर इतना शातिर हो गया कि राजधानी पुलिस की नाक में भी दम कर दिया। इस गैैंग ने पहला अपराध भले ही अपने गृह जनपथ में किया, लेकिन बालिग होते-होते इन्होंने लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों की पुलिस को छका दिया।
2019 में दर्ज हुआ था पहला केस
गैैंग के मास्टरमाइंड आफताब अंसारी के खिलाफ 2019 में बहराइच कोतवाली में पहला केस लूट का दर्ज हुआ था। उस समय आफताब नाबालिग था। पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह भेजा था। इसके बाद 2023 से अब तक उसके खिलाफ 7 मुकदमे बहराइच व श्रावस्ती में दर्ज हो चुके हैं। 2022 में श्रावस्ती के गिलौला थाने में उसके खिलाफ गैैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई हो चुकी है। उसके गैैंग के मेंबर शारिक खान पर चार केस, मुस्ताक पर तीन केस, इरफान पर चार केस, जाने आलम और चांद बाबू पर दो के अलावा आशिक अली पर एक केस दर्ज है। आफताब उर्फ रिजवान मूलरूप से बहराइच के नूरूद्दीन चक थाना दरगाह का रहने वाला है। उसके गैैंग के सभी मेंबर्स भी उसी के गांव के रहने वाले हैं।
किराए पर मकान लेकर करते थे वारदात
आफताब गैैंग ने कुछ समय पहले ही पुलिस का दवाब पड़ने पर बहराइच से निकल कर राजधानी का रुख किया ािा। सरोजनी नगर और बिजनौर के रिहाइशी इलाके में गैैंग के मेंबर्स ने किराए का मकान लिया। इसके बाद से आस-पास समेत शहर के कई इलाकों में रैकी करके चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। इस गैैंग के मेंबर्स ने केवल बहराइच, श्रावस्ती ही नहीं लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों में वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया।
आखिकार चढ़ गए पुलिस के हत्थे
आफताब गैैंग ने लखनऊ में कई जगहों पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। उसकी एक्टिविटी के चलते वह जल्द ही सरोजनी नगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूरे गैैंग की गिरफ्तारी कर पुलिस ने उनके पास से चोरी का काफी सामान, कैश व ज्वैलरी भी बरामद की। एक बार फिर पूरा गैैंग सलाखों के पीछे पहुंच गया। हालांकि, पुलिस ने इस बार बाल सुधार गृह नहीं बल्कि जिला जेल पहुंचाया क्योंकि गैैंग के सभी मेंबर बालिग हो चुके हैं।
बाल सुधार गृह में रहकर भी नहीं सुधरे
आफताब ने पहला अपराध नाबालिग रहते किया था। पुलिस ने उसे लूट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन नाबालिग होने के चलते उसे बाल सुधार गृह भेजा था। वहां से वह सुधरने की जगह और ज्यादा खतरनाक बनकर निकला। उसके पिता के खिलाफ भी केस दर्ज है। अपराध उसे विरासत में मिला, जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया की राह पकड़ी।