लखनऊ (ब्यूरो)। पेेरेंट्स का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट उन लोगों को भी प्रभावित कर रहा है, जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है। बच्चों के लिए तो अभी वैक्सीन ही नहीं आई है, ऐसे में फिलहाल उन्हें स्कूल भेजना ठीक नहीं होगा। वे घर पर ही अधिक सुरक्षित रहेंगे। सरकार को चाहिए कि वह तत्काल सभी स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का आदेश दे, जिससे बच्चे और स्कूल स्टाफ दोनों सुरक्षित रहें।
क्लास 5 तक के स्कूल बंद हों
पेरेंट्स का कहना है कि क्लास 5 तक के बच्चे ज्यादा समझदार नहीं होते हैं। वे कोरोना से बचाव के लिए क्या करना है, यह भी ठीक से नहीं जानते हैं। वे स्कूल में एक-दूसरे से गले मिलते हैं, एक दूसरे की चीजें छूते हैं। ऐसे में क्लास 5 तक के स्कूलों को बंद कर देना चाहिए और वहां फिर से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करनी चाहिए।
पेरेंट्स स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सरकार और जिला प्रशासन अलर्ट है। स्कूलों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। स्कूल तत्काल बंद किए जाएं, कम से कम छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाने की व्यवस्था की जाए। पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।
राकेश कुमार सिंह, अध्यक्ष, लखनऊ अभिभावक विचार परिषद
सभी लोग परेशान हैं, पेरेंट्स ज्यादा चिंतित हैं। बच्चों को टीका भी नहीं लगा है इसलिए स्कूल बंद करने की मांग की जा रही है। पढ़ाई ऑनलाइन होनी चाहिए और परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही कराई जाएं। स्कूलों को छोटे बच्चों के बारे में सोचना चाहिए।
- केके त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, लखनऊ अभिभावक विचार परिषद
क्लास पांचवी तक पढ़ाई ऑनलाइन होनी चाहिए। इस वक्त अगर लापरवाही हुई तो कोरोना विस्फोट हो सकता है। खासकर बच्चे बेहद संवेदनशील हैं, उनको लेकर लापरवाही भारी पड़ सकती है।
- धमेंद्र सोनी, अभिभावक
बच्चों को लेकर काफी चिंता है। उन्हें स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। छोटे बच्चों को तो स्कूल नहीं भेज रहे हैं। पेरेंट्स सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार जल्द ऑनलाइन क्लास का निर्णय ले।
- अमित कुमार, अभिभावक
कोरोना का नया वेरिएंट आया है। अब बच्चों को स्कूल भेजने से डर लगने लगा है। जब तक ये कोरोना खत्म नहीं हो जाता तब तक के लिए पढ़ाई ऑनलाइन ही कराई जानी चाहिए।
- मीनू कपूर, अभिभावक
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स्कूल पूरी तरह से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम स्कूलों में उठाए जा रहे हैं। पेरेंट्स को किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
अनिल अग्रवाल, प्रेसीडेंट, अनएडेड स्कूल एसोसिएशन
गाइडलाइन फालो कर रहे स्कूल
हालांकि राजधानी के सभी स्कूल सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कर रहे हैं, इसके बाद भी नए वेरिएंट के मिलने के बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने लगी है। जिसे देखते हुए नए गाइडलाइन आने तक सेनेटाइजेशन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं और पुख्ता करने में जुट गए हैं। कई स्कूलों में दो शिफ्ट में क्लास चलाने पर विचार किया जा रहा है।
ये बरतें सावधानियां
- बच्चों को दूसरों के संपर्क में न जाने दें
- मास्क लगाकर ही स्कूल भेजे
- क्लास में भी दूरी बनाकर बैठे
- बीमार होने पर बिना जांच कराएं
- परिवार के सभी सदस्य वैक्सीनेशन कराएं