लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कई पद खाली चल रहे हैं। इतना ही नहीं, पीजीआई में ही प्रशिक्षित कई अभ्यर्थियों तक को इन पदों के अनुकूल नहीं माना गया है, जबकि प्रशासन द्वारा खाली पदों पर उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने के कारण पद न भरने की वजह बताई जा रही है। मामले को लेकर निदेशक को खाली बचे अनुसूचित जाति के 31 और पिछड़ा वर्ग के 12 रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती विज्ञापन निकालकर इनमें आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों का चयन करके बैकलाग का आरक्षण कोटा पूरा करने को लिखा गया है।
कई पदों को नहीं भरा गया
बीते साल पीजीआई में बैकलाग के रिक्त पदों को भरने के लिए सहायक प्रोफेसर के 65 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। जिनमें अनुसूचित जाति के लिए 42 और पिछड़ा वर्ग के लिए 23 पद आरक्षित थे। इन पदों पर चयन प्रक्रिया 14 नवंबर 22 से 12 जनवरी 23 तक चली। जिसमें अनुसूचित जाति के 11 और पिछड़ा वर्ग के 11 पदों पर इन वर्गों के अभ्यर्थियों का तो चयन कर लिया गया, लेकिन 31 अनुसूचित जाति और 12 पिछड़ा वर्ग के पदों पर उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने की बात कहकर नहीं भरा गया। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें वे अभ्यर्थी भी शामिल हैं, जो पीजीआई में प्रशिक्षित हैं।
निदेशक को लिखा पत्र
आरक्षण की अनदेखी को लेकर सामाजिक संस्था बहुजन भारत ने भी मामले को लेकर आपत्ति जताई है। संस्था के महासचिव चिंतामणि ने कहा कि इन पदों को शीघ्र विज्ञापित करके अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से तत्काल भरा जाए। जबकि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति चिकित्सा शिक्षा एसोसिएशन के सचिव डॉ। हरीराम ने निदेशक पीजीआई को पत्र लिखकर अरक्षित वर्गों के लिए खाली छोड़े गए पदों को तुरंत भरने की मांग की है।