लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपके कानों में सांय-सांय या सीटी बजने की आवाज आ रही है और रात में खासतौर पर यह अधिक हो रहा है, तो तुरंत सर्तक हो जाएं, क्योंकि ये लक्षण कानों की गंभीर समस्या टिनिटस नाम बीमारी के हो सकते हैं। इसके पीछे की बड़ी वजह ईयरफोन भी हैं। संजय गांधी पीजीआई में इस तरह के कई मामले रोजाना आ रहे हैं। एक्सपट्र्स के मुताबिक, आज के दौर में लोग ईयरफोन का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। कई लोग तो हर समय कानों में ईयरफोन लगाये रहते हैं, जबकि कुछ तेज आवाज में म्यूजिक सुनते हैं। ईयरफोन का यही अधिक इस्तेमाल उनके कानों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसकी वजह से टिनिटस की समस्या हो रही है। हालांकि, इसकी और भी वजहें होती हैं, लेकिन ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल इसकी बड़ी वजह है। ऐसे में लोगों को अधिक ईयरफोन के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
युवाओं में बढ़ रही समस्या
संजय गांधी पीजीआई के ईएनटी विभाग के हेड डॉ। अमित केसरी के मुताबिक, टिनिटस बीमारी हेयरिंग लॉस के साथ कान में सांय-सांय की आवाज आना या सीटी बजना होती है। इस समस्या के चलते लोगों को सुनने में बहुत प्रॉब्लम तो नहीं होती, लेकिन ऐसी आवाज लगातार आती रहती है, जिसकी वजह से मरीजों को कुछ दिक्कत जरूर होती है। यह सेनसेशन कोई नार्मल चीज नहीं है। इस तरह की समस्या 50 वर्ष की उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। पर अब कम उम्र के लोगों खासकर युवाओं में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। ओपीडी में रोजाना 3-4 मरीज टिनिटस की बीमारी की समस्या के साथ आ रहे हैं।
और भी कई कारण हैं
डॉ। अमित के मुताबिक, टिनिटस की समस्या होने के और भी कारण हैं, जैसे कान के पास पटाखा फटना, लाउड साउंड, लाउड स्पीकर के पास अधिक समय तक खड़े रहना आदि। इसके अलावा, एंटीबायोटिक और कीमो की दवा भी कान को नुकसान पहुंचाती है, क्योंकि इससे पहले तो कान की नर्व डैमेज हो जाती हैं, फिर धीरे-धीरे माइल्ड हेयरिंग लॉस होने लगता है। शुरुआत में यह समझ नहीं आती है, पर बाद में बढऩे पर सांय-सांय जैसी आवाज होने लगती है।
डिप्रेशन भी हो सकता है
कानों में ऐसी आवाजें आना पर दिन के मुकाबले रात को ज्यादा समस्या होती है, क्योंकि दिन में शोर की वजह से इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चल पाता। ऐसे में रात में तेज आवाज आती है, जो आपके अलावा दूसरे को नहीं सुनाई देती। ऐसे में एंग्जायटी और स्ट्रेस से समस्या और बढ़ जाती है, जिसके चलते कई बार मरीज डिप्रेशन तक में चला जाता है। लगातार ऐसी आवाज आने से लोग परेशान हो उठते हैं।
ऐसे करें अपना बचाव
- लाउड आवाज से बचें
- ईयरफोन के अधिक इस्तेमाल से बचें
- कानों के अंदर लगने वाले ईयरफोन का कम इस्तेमाल करें
- लाउडस्पीकर से दूर रहें
- तेज आवाज वाले पटाखों से दूर रहें