लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां राजधानी में डॉग्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ डॉग बाइट के केस में भी इजाफा देखने को मिला है। राजधानी के अस्पतालों में रोज डॉग बाइट के 30 से 35 केस आ रहे हैं। राजधानी में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। नगर निगम के एनिमल डिपार्टमेंट की ओर से बधियाकरण तो कराया जा रहा है लेकिन स्थिति यह है कि डॉग्स की संख्या में लगाम नहीं लग रही है।

बढ़ रहे डॉग बाइट के केस

अस्पतालों से सामने आए आंकड़ों की माने तो डॉग बाइट के केस भी बढ़ रहे हैंं। लोकबंधु में रोजाना 30 से 35 रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। वहीं अन्य अस्पतालों में भी आंकड़ा कुछ इतना ही है।

महिलाएं और बच्चे ज्यादा

जानकारी सामने आई है कि रैबीज के इंजेक्शन लेने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है। इससे साफ है कि स्ट्रीट डॉग्स की ओर से महिलाओं और बच्चों को ही ज्यादा शिकार बनाया जा रहा है। हाल में ही राजधानी में डॉग बाइट के ऐसे केस सामने आ चुके हैैं, जिसमें महिलाएं और बच्चे ही पीड़ित हुए हैं।

बरतनी होगी सावधानी

पशु एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय डॉग्स की ब्रीडिंग का टाइम पूरा हुआ है और गली-मोहल्लों में उनके बच्चे देखे जा सकते हैं। फीमेल डॉग की ओर से कई बार अपने बच्चों को बचाने के लिए ही लोगों पर हमला कर दिया जा रहा है। ऐसे में अगर कहीं फीमेल डॉग है और उसके आसपास उसके बच्चे हैैं तो प्रयास करें कि वहां से थोड़ी दूर से निकलें।

ऑपरेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी

अभी डॉग्स के ऑपरेशन की रफ्तार काफी धीमी है। हर दिन कम से कम 300 से 400 डॉग्स का ऑपरेशन होना चाहिए, लेकिन यह फिलहाल संभव नहीं है। नगर निगम के पशु विभाग के अधिकारियों का दावा है कि ऑपरेशन की रफ्तार बढ़ाई जा रही है। इसके लिए अलग-अलग एरिया के लिए टीमें गठित की जा रही हैं। बता दें कि स्ट्रीट डॉग्स की समस्या हर इलाके में तेजी से बढ़ रही है। इनके हमलों से लोग घायल भी हो रहे हैं। ऐसे में युद्धस्तर पर अभियान चलाना होगा।

सोशल मीडिया पर कमेंट्स

हमारे एरिया में भी स्ट्रीट डॉग्स की समस्या अधिक है। नगर निगम को तत्काल अभियान चलाना होगा।

बृजेश, गोमतीनगर

स्ट्रीट डॉग्स के खिलाफ अभियान चलाए जाने की जरूरत है। गुजरते वक्त के साथ इनकी संख्या बढ़ रही है।

आदर्श, अमौसी

मेरे एरिया में भी स्ट्रीट डॉग्स की संख्या बहुत अधिक है। इनकी वजह से लोग दहशत में रहते हैं।

आकाश, इंदिरानगर

मेरा यही मानना है कि स्ट्रीट डॉग को प्रॉपर भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जिससे वो हिंसक न हों।

अंकुर, तेलीबाग

स्ट्रीट डॉग की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन पर लगाम लगाने के लिए ठोस पॉलिसी बननी चाहिए।

अनुज, शहीद पथ