लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से 30 जून 2023 को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण नई दिल्ली को भेजी गई रिपोर्ट से यह बात साफ हुई है कि ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में अब तक वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक 1428 व्यक्तियों की जान गई है, मतलब औसतन हर दिन चार। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब उपभोक्ता परिषद की ओर से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कार्ययोजना जारी की जाएगी।

बेहद चिंता का विषय

उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की उदासीनता के चलते जिस प्रकार से विद्युत दुर्घटनाओं से आम जनमानस की जान जा रही है, वो बेहद चिंता का विषय है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष एवं राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह से चर्चा की और कहा जल्द ही उपभोक्ता परिषद विद्युत नियामक आयोग के सामने विद्युत दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिए एक रिपोर्ट प्रेषित करेगा।

दुर्घटनाएं एक नजर में

विद्युत दुर्घटना का वर्ष घातक विद्युत दुर्घटना मृतकों की संख्या

2012-13 1048 570

2013-14 1204 611

2014-15 1185 629

2015-16 1352 723

2016-17 1824 958

2018-19 1073 1116

2022-23 1316 1428

पांच साल में दोगुना वृद्धि

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि बिजली दुर्घटना में लगभग 2002 बेजुबान जानवरों की भी मौत हुई है। जहां 2015-16 में विद्युत दुर्घटनाओं से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 723 थी, वहीं महज पांच साल बाद बिजली दुर्घटनाओं से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या में दो गुना बढ़ोत्तरी हुई है, जिस पर अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि बिजली दुर्घटनाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। आए दिन किसी न किसी एरिया में ऐसे मामले सामने आते रहते हैैं। बारिश के दौरान स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है। परिषद की ओर से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जो कार्ययोजना संबंधी रिपोर्ट नियामक आयोग में दी जाएगी, उसमें एक-एक बिंदु पर फोकस किया जाएगा। बताया जाएगा कि किस तरह से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, जिससे बिजली कर्मी एवं सामान्य जनता सुरक्षित रहे। उनका यह भी कहना है कि पब्लिक को अवेयर किया जाना भी बेहद जरूरी है।